सुखबीर सिंह बादल एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष बने, बीजेपी पर किया तंज, जानें क्या कहा

Update: 2025-04-12 12:35 GMT

चंडीगढ़। पंजाब से एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल एक बार फिर से शिरोमणि अकाली दल के प्रधान बन गए हैं। सुखबीर बादल ने अकाल तख्त के आदेश पर 16 नवंबर 2024 इस्तीफा दिया था। हालांकि साल 2008 में पहली बार सुखबीर बादल शिअद के प्रधान बने थे जबकि तनखैया घोषित होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

बता दें कि 16 सालों तक पार्टी के प्रधान रहने के बाद एक बार फिर से उन्हें पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है। वहीं अध्यक्ष पद की समय 5 साल तक होती है। सुखबीर बादल अध्यक्ष बनने के बाद नाराज चल रहे अकाली नेताओं से वापस लौट आने की मांग की है।

भाजपा ने हजूर साहब कमेटी को तोड़ा

इस दौरान उन्होंने आगे भाजपा पर तंज करते हुए कहा कि भाजपा ने दल में विभाजन कर केंद्र में सत्ता की बागडोर हासिल की है। उन्होंने कहा कि गद्दारों के कारण ही भाजपा ने दिल्ली कमेटी, हजूर साहब कमेटी को तोड़ दिया। हालांकि बीजेपी ने सुखबीर सिंह बादल के एक बार फिर अध्यक्ष बनने के बाद तंज किया है।

जानते हैं तनखैया का क्या मतलब है

दरअसल सिख धर्म में तनखैया का मतलब होता है धार्मिक गुनहगार या दोषी व्यक्ति का हुक्का-पानी बंद कर देना। कोई भी सिख अपने धार्मिक नियमों को ताक पर रखकर कोई फैसला लेता है या गुनाह करता है तो उसे सजा देने के लिए अकाल तख्त को पूरा अधिकार है। जिस शख्स को तनखैया घोषित कर दिया जाता है वह व्यक्ति ना तो किसी भी तख्त पर जा सकता है और ना किसी से अरदास करवा सकता है, अगर कोई उसकी तरफ से अरदास करता है तो उसे भी कसूरवार माना जाता है।

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