5 साल बाद रेपो रेट में कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर में आएगा बूम! जानें एनसीआर के कारोबारी क्या-क्या बता रहे हैं फायदे
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान कर देश के करोड़ों लोगों को बड़ी राहत दी है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की जिसके बाद अब रेपो रेट 6.5% से घटकर 6.25% हो गई है। रिजर्व बैंक के इस कदम से लोन सस्ते हो सकते हैं और ईएमआई के बोझ में भी कमी आ सकती है। इस घोषणा के बाद रियल एस्टेट सेक्टर ने भी ख़ुशी जताई है। रियल एस्टेट कारोबारियों का मानना है कि इस फैसले से मार्केट सेंटीमेंट्स और बेहतर होंगे और आने वाले समय में कमर्शियल और रेजीडेंशियल दोनों रियल एस्टेट मार्केट में तेजी देखी जाएगी। इसके साथ ही, ब्याज दरों में लगातार कटौती होती रही तो लोगों के लिए लोन लेना आसान होगा और घरों की मांग बढ़ेगी। साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी। इस निर्णय से साफ है कि सरकार का रुख रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट देने के प्रति बेहद सकारात्मक है।
गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई नेशनल के चेयरमैन मनोज गौड़ का कहना है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती एक बहुत ही सकारात्मक कदम है। आम जनता के अनुकूल बजट के बाद यह 25 बीपीएस की कटौती अर्थव्यवस्था में अच्छा प्रभाव डालेगी। इनकम टैक्स में छूट, दूसरे घर और किराये की आमदनी पर कर रियायत के साथ, यह न केवल बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ाएगी बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश की संभावनाओं को भी मजबूत करेगी। हाल ही में 50 बेसिस पॉइंट की सीआरआर कटौती के बाद यह मौद्रिक नीति बहुत जरूरी थी, जिससे पहले ही बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त नकदी आ चुकी है।
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा ने आरबीआई के कदम पर खुशी जताते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक का यह कदम बेहद सराहनीय है। मुद्रास्फिति को नियंत्रित करने के साथ ही बाजार को बढ़ावा देने की पहल आरबीआई की ओर से की गई है। फरवरी का पहला हफ्ता मार्केट खास तौर पर रियल एस्टेट के लिए बेहद सकारात्मक संकेत लेकर आया है। पहले बजट में इनकम टैक्स पर छूट और अब रेपो रेट का 25 बेसिस प्वाइंट्स तक कम होने से बाजार में उछाल आएगा। आम जन के साथ सेक्टर को भी इसका लाभ मिलेगा।
प्रतीक ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर, प्रतीक तिवारी कहते हैं कि रेपो रेट में 0.25% की कटौती से होम लोन की ब्याज दरें कम होने की उम्मीद बढ़ गई है, जिससे घर खरीदने वालों की संख्या बढ़ेगी। RBI के इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलेगी। सस्ती EMI के चलते नई बुकिंग्स में उछाल आने की संभावना है, जिससे बिक्री तेज होगी और सेक्टर की ग्रोथ को नई रफ्तार मिलेगी।
एचसीबीएस डेवलपमेंट्स के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर, सौरभ सहारण ने कहा कि पांच साल बाद रेपो रेट में कटौती से साफ है कि RBI अब आर्थिक बढ़त और वित्तीय स्थिरता को समर्थन देना चाहता है। इस फैसले से कर्ज सस्ता होगा, जिससे लोगों की खरीदारी और निवेश बढ़ेगा। हाल ही में बजट में किए गए उपायों के साथ मिलकर यह कदम बाजार में मांग बढ़ाने, बिजनेस को आगे बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगा। खासकर रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर को फायदा मिलेगा। इससे लोगों का भरोसा बढ़ेगा, खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी और देश की अर्थव्यवस्था लंबी अवधि तक मजबूत बनी रहेगी।
मिगसन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी ने कहा कि 25 आधार अंकों की दर में कटौती के साथ, आरबीआई ने अधिक अनुकूल ऋण माहौल सुनिश्चित करते हुए आर्थिक समर्थन का एक मजबूत संदेश दिया है। यह कदम हालिया बजटीय उपायों के साथ ही पूंजी प्रवाह को बढ़ाने, खरीदार की भावना को मजबूत करने और प्रमुख क्षेत्रों में विकास को उत्प्रेरित करने के लिए तैयार है। कम उधार लेने की लागत न केवल ऋण को अधिक सुलभ बनाएगी बल्कि खर्च और निवेश को भी प्रोत्साहित करेगी, जिससे पूरी अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव पैदा होगा।
अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल ने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करके इसे 6.25% करने का कदम रियल्टी सेक्टर के लिए एक स्वागत योग्य संकेत है। एक डेवलपर के रूप में इस निर्णय का अर्थ है कम वित्तपोषण लागत और बढ़ी हुई लिक्विडिटी, जो हमें नई परियोजनाओं को आगे बढ़ाने और व्यापक आर्थिक विकास का समर्थन करने में मदद करेगी।
360 रियल्टर्स के डायरेक्टर, संजीव अरोड़ा का कहना है कि लंबे समय बाद आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करने का फैसला लिया है। महंगाई पर नियंत्रण के साथ यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल आर्थिक स्थिरता बनी रहेगी, बल्कि बाजार में नकदी बढ़ने से मांग और उपभोक्ता बाजार को भी मजबूती मिलेगी। यह कदम भारत में रेजिडेंशियल, कमर्शियल और हॉस्पिटैलिटी रियल एस्टेट सेक्टर को स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ाने में मदद करेगा। रियल एस्टेट सेक्टर लंबे समय से इस कटौती का इंतजार कर रहा था, और सरकार द्वारा लिया गया यह हालिया फैसला निश्चित रूप से स्वागत योग्य है।
एमआरजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर, रजत गोयल का कहना है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सही समय पर मिला एक बड़ा प्रोत्साहन है। कम ब्याज दरों से खरीदारों को बेहतर फाइनेंसिंग विकल्प मिलेंगे, यहां तक कि महंगी प्रॉपर्टी के लिए भी। हाल ही में बजट में किए गए टैक्स सुधारों से लोगों की आय भी बढ़ी है, जिससे यह सेक्टर के लिए एक अच्छा अवसर है। हमें उम्मीद है कि इस साल बिक्री में लगातार वृद्धि होगी।
एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स के एमडी,नीरज शर्मा का कहना है कि आरबीआई का रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट कम करने का फैसला अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और होमबायर्स का बोझ कम करने में मदद करेगा। जब केंद्रीय बजट पहले ही मध्यम वर्ग के लिए राहत भरा संदेश दे चुका है, तो यह कदम घर खरीदने की क्षमता और बाजार के भरोसे को और मजबूत करेगा। अगर ब्याज दरें लगातार कम होती रहीं, तो लोगों के लिए लोन लेना आसान होगा, घरों की मांग बढ़ेगी और रियल एस्टेट सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी।
भूमिका ग्रुप के सीएमडी, उद्धव पोद्दार का कहना है कि पांच साल बाद हुई रेपो रेट कटौती देश के लिए एक बड़ा फैसला है और यह आरबीआई की नीतियों की दिशा को दर्शाता है। इससे न सिर्फ पूरी अर्थव्यवस्था बल्कि खास तौर पर रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलेगी। एक तरफ यह प्रॉपर्टी खरीदना सस्ता बनाएगा, तो दूसरी तरफ खर्च करने की प्रवृत्ति को भी बढ़ावा देगा। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस कदम से बाजार में सकारात्मक माहौल बनेगा और हमें भविष्य में और कटौतियों की उम्मीद रहेगी।
ग्रुप 108 के एमडी डॉ. अमिष भूटानी ने कहा कि बीते लंबे समय से यह उम्मीद जताई जा रही थी कि आरबीआई रेपो रेट में कटौती करेगा। बजट के बाद अब आरबीआई ने 25 बेसिस प्वाइंट्स की जो कटौती की है यह न केवल डेवलपर्स बल्कि निवेशकों के लिए भी बेहद सकारात्मक है। इससे मार्केट सेंटीमेंट्स और बेहतर होंगे और आने वाले समय में कमर्शियल और रेजीडेंशियल दोनों रियल एस्टेट मार्केट में तेजी देखी जाएगी। इस निर्णय ने दिखा दिया है कि सरकार का रुख रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट देने के प्रति बेहद सकारात्मक है।
स्पेक्ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेजीडेंट सेल्स व मार्केटिंग अजेंद्र सिंह ने कहा कि पांच साल बाद आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटौती का निर्णय लिया जाना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बेहद सकारात्मक कदम है। यह न सिर्फ होम बायर्स को राहत देगा बल्कि रियल एस्टेट मार्केट के साथ ही इकोनॉमी को बूस्ट करने का भी काम करेगा। 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती से साफ है कि आरबीआई देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट देना चाहता है। बजट के बाद इस सप्ताह का यह दूसरा ऐसा निर्णय है जो इकोनॉमी को बूस्ट देगा।
ओकस ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रकाश मेहता कहते हैं, "आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर इसे 6.25% करने का निर्णय, जो कि जन-हितैषी बजट के तुरंत बाद लिया गया है, इससे बोररोवर को राहत मिलने और नए इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है, जिससे लिक्विडिटी में सुधार, बायर्स के लिए होम लोन को अधिक आकर्षक बनाकर और समग्र आर्थिक गतिशीलता को मजबूत करके उद्योगों में एक लहर जैसा प्रभाव पैदा होगा, जिससे बदले में उपभोक्ता विश्वास बढ़ेगा, प्रमुख क्षेत्रों में मांग में तेजी आएगी और दीर्घावधि में सतत आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा।''
ओरिस ग्रुप हेड सेल्स, विशाल सभरवाल का कहना है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती एक अच्छा कदम है, जो सरकार की आर्थिक नीतियों के अनुरूप है। कम ब्याज दरें होम लोन को सस्ता बनाएंगी और खरीदारों का भरोसा बढ़ाएंगी, जिससे रियल एस्टेट की मांग में इजाफा होगा। केंद्रीय बजट में दी गई कर छूट और बुनियादी ढांचे में निवेश जैसी प्रोत्साहन योजनाओं के साथ यह फैसला रियल एस्टेट सेक्टर की स्थायी वृद्धि के लिए जरूरी गति प्रदान करेगा।
एक्सेंशिया इंफ्रा के डायरेक्टर मानित सेठी का कहना है कि रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती का रियल एस्टेट सेक्टर पर बड़ा असर पड़ेगा। इससे न सिर्फ डेवलपर्स के लिए लोन सस्ता होगा, बल्कि खरीदारों की दिलचस्पी भी बनी रहेगी। खासतौर पर, इससे प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त में तेजी आ सकती है, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में, जहां किफायती दाम और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के मुख्य कारक हैं। इससे लोगों के लिए घर खरीदना आसान होगा और डेवलपर्स भी इन उभरते इलाकों में अपने प्रोजेक्ट बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे।