विदेशी मुद्रा भंडार लगातार छठे सप्ताह बढ़कर 677.84 अरब डॉलर पहुंचा

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में 1.57 अरब डॉलर की वृद्धि हुई। इससे पहले 4 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में भंडार में 10.8 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी और भंडार 676.3 अरब डॉलर पर पहुंचा था।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-04-19 16:46 GMT

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार छठे हफ्ते बढ़ोतरी दर्ज की गई है और यह 11 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 677.84 अरब डॉलर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में 1.57 अरब डॉलर की वृद्धि हुई। इससे पहले 4 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में भंडार में 10.8 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी और भंडार 676.3 अरब डॉलर पर पहुंचा था।

विदेशी मुद्रा भंडार के प्रमुख हिस्से, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में इस सप्ताह 892 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज हुई और यह 574.98 अरब डॉलर पर पहुंच गई। डॉलर में व्यक्त इन परिसंपत्तियों में अन्य मुद्राओं जैसे यूरो, पाउंड और येन के मूल्य में उतार-चढ़ाव का भी प्रभाव शामिल होता है।

सोने के भंडार में भी इस दौरान बढ़ोतरी देखी गई और यह 638 मिलियन डॉलर बढ़कर 79.997 अरब डॉलर हो गया। दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने हाल के भू-आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोने को सुरक्षित निवेश मानकर खरीदा है। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) का भंडार घटकर 18.356 अरब डॉलर रह गया, जिसमें 6 मिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज हुई। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत की स्थिति 43 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.502 अरब डॉलर हो गई।

हाल के छह हफ्तों में लगातार बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार ने रुपये को भी मजबूती दी है। इससे पहले सितंबर 2024 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के सर्वोच्च स्तर 704.885 अरब डॉलर पर पहुंचा था। विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत मिलता है और भारतीय रिजर्व बैंक को रुपये की अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए अधिक साधन मिलते हैं।

अगर विदेशी मुद्रा भंडार घटता है तो रिजर्व बैंक के पास बाजार में हस्तक्षेप करने की सीमित गुंजाइश रह जाती है। इस बीच, फरवरी में भारत का व्यापार घाटा घटकर तीन साल के न्यूनतम स्तर 14.05 अरब डॉलर पर आ गया, जो जनवरी में 22.99 अरब डॉलर था। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में निर्यात स्थिर रहा जबकि आयात में गिरावट दर्ज की गई। यह बताता है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद भारत के बाहरी क्षेत्र की स्थिति मजबूत बनी हुई है। 

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