वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जेपीसी रिपोर्ट को लेकर विपक्ष का विरोध तेज, जानें संजय सिंह की प्रतिक्रिया!

Update: 2025-02-13 07:56 GMT

नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंपे जाने के बाद विपक्षी दलों ने रिपोर्ट में उनके असहमति नोट शामिल न किए जाने पर नाराजगी जताई है।

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह बेहद निराशाजनक है कि विपक्ष के असहमति नोटों को रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया। यह तो बस शुरुआत है। जल्द ही वे गुरुद्वारों, मंदिरों और चर्चों की जमीनों पर कब्जा करने के लिए विधेयक लाएंगे और उन्हें अपने पूंजीवादी दोस्तों को सौंप देंगे।

वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में उनके असहमति नोट के कई पृष्ठ और पैराग्राफ हटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज लोकसभा सांसदों का एक समूह, जिसमें ए राजा, कल्याण बनर्जी, इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, गौरव गोगोई और मैं शामिल थे, हम सब अध्यक्ष से मिले। हमने उनसे आग्रह किया कि रिपोर्ट से हटाए गए हमारे असहमति नोटों को जोड़ा जाए। अध्यक्ष ने महासचिव से कहा कि नियमों के अनुसार जो भी संभव हो, उसे जोड़ा जाए। बाद में, हमने संसदीय पुस्तकालय में बैठकर रिपोर्ट में अधिकांश हटाए गए पृष्ठों को शामिल किया, जिसे दोपहर 2 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा।

हालांकि, ओवैसी ने यह भी स्पष्ट किया कि समिति के कामकाज पर संदेह व्यक्त करने वाले पैराग्राफ को नियमों के विरुद्ध होने के कारण रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया।

क्या है विवाद?

विपक्ष का कहना है कि जेपीसी की रिपोर्ट में उनके असहमति नोट को जगह नहीं दी गई, जिससे उनकी चिंताओं को अनदेखा किया गया है। विपक्षी दलों को आशंका है कि यह विधेयक भविष्य में धार्मिक स्थलों की जमीनों पर सरकार के नियंत्रण को लेकर नए विवाद को जन्म दे सकता है।

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