पहली बार समुद्र की गहराई में नजर आया विशाल जीव, वैज्ञानिकों ने कैमरे में किया कैद, इस जीव की लंबाई और वजन जानकर हो जाएंगे हैरान

एक जीव जिसे अब तक केवल किंवदंती माना जाता था, उसे अब जिंदा और तैरते हुए देखना हुआ संभव;

Update: 2025-04-17 08:14 GMT

दक्षिण अटलांटिक महासागर (शुभांगी)। समुद्र की रहस्यमयी दुनिया से एक चौंकाने वाली झलक सामने आई है। पहली बार वैज्ञानिकों ने एक 'कोलॉसल स्क्विड' को उसकी प्राकृतिक स्थिति में समुद्र की गहराई में तैरते हुए कैमरे में कैद किया है। यह जीव वैज्ञानिकों के लिए अब तक एक रहस्य रहा है और 100 साल पहले खोजे जाने के बावजूद इसे जिंदा देखना अब तक संभव नहीं हो पाया था।

यह दुर्लभ जीव 600 मीटर की गहराई पर, दक्षिण सैंडविच द्वीपों के पास देखा गया। यह juvenile (अप्रौढ़) स्क्विड करीब 30 सेंटीमीटर लंबा था और इसकी रिकॉर्डिंग एक 35 दिन की समुद्री अभियान के दौरान की गई, जिसका नेतृत्व यूनिवर्सिटी ऑफ एसेक्स की प्रोफेसर डॉ. मिशेल टेलर कर रही थीं।

अब तक सिर्फ कल्पना में था यह विशाल जीव

विशेषज्ञों का मानना है कि पूरी तरह विकसित कोलॉसल स्क्विड की लंबाई 7 मीटर तक और वजन 500 किलोग्राम तक हो सकता है। जिससे यह दुनिया का सबसे भारी अकशेरुकी जीव बन जाता है। इससे पहले इस जीव के केवल अवशेष ही व्हेल और समुद्री पक्षियों के पेट से मिले थे।

इस बार की खोज के लिए वैज्ञानिकों ने श्मिट ओशन इंस्टीट्यूट के रिसर्च जहाज Falkor (too) और उसमें मौजूद रिमोट-ऑपरेटेड अंडरवाटर व्हीकल (ROV) की मदद ली।

"हमें नहीं पता था ये क्या है, पर ये बहुत सुंदर था"

मुख्य वैज्ञानिक डॉ. टेलर ने बताया कि जब टीम ने इस जीव को देखा, तो वे पहले इसे पहचान नहीं पाए, लेकिन उसकी अजीबो-गरीब बनावट और खूबसूरती ने उन्हें उसे रिकॉर्ड करने को मजबूर कर दिया।

बाद में न्यूजीलैंड की स्क्विड विशेषज्ञ डॉ. कैट बोलस्टैड ने इस फुटेज की पुष्टि करते हुए कहा कि अब तक कोलॉसल स्क्विड को केवल मरे हुए अवस्था में देखा गया था। अनहोने कहा की “यह रोमांचकारी है। एक जीव जिसे अब तक केवल किंवदंती माना जाता था, उसे अब जिंदा और तैरते हुए देखना संभव हुआ है,” डॉ. बोलस्टैड ने कहा।

समुद्र के रहस्य अब भी अनगिनत

वैज्ञानिकों का मानना है कि कोलॉसल स्क्विड के जीवन चक्र के बारे में अभी भी बहुत कम जानकारी है। वयस्क होने पर वे अपनी पारदर्शी त्वचा खो देते हैं और उनके आठों भुजाओं के मध्य में हुक जैसी संरचनाएं विकसित हो जाती हैं।

अब तक केवल मछुआरे ही कभी-कभार मरते हुए कोलॉसल स्क्विड को सतह के पास लाते थे, लेकिन जीवित अवस्था में यह पहली बार कैमरे में देखा गया है।

"समुद्र अब भी रहस्यों से भरा है"

श्मिट ओशन इंस्टीट्यूट की कार्यकारी निदेशक, डॉ. ज्योतिका विर्मानी ने कहा, “लगातार दो अभियानों में दो अलग-अलग स्क्विड प्रजातियों को देखना एक दुर्लभ और अविस्मरणीय क्षण है। यह दिखाता है कि हमारे महासागर अभी भी अनगिनत रहस्यों से भरे हैं।”

यह खोज न सिर्फ विज्ञान की दुनिया के लिए रोमांचकारी है, बल्कि यह भी याद दिलाती है कि पृथ्वी पर अब भी ऐसे जीव मौजूद हैं जिन्हें इंसान ने शायद ही कभी देखा हो।

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