चेक बाउंस मामले में फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा को तीन महीने की सजा

Update: 2025-01-23 10:34 GMT

मुंबई। मुंबई की अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मशहूर फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा को सात सालों से चल रहे चेक बाउंस मामले में दोषी ठहराते हुए तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया है। अदालत ने वर्मा को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत दोषी पाया, जो चेक बाउंस होने के मामलों में लागू होता है।

क्या है मामला?

यह मामला 2018 में शुरू हुआ, जब एक कंपनी 'श्री नाम' ने अपने प्रतिनिधि महेशचंद्र मिश्रा के माध्यम से राम गोपाल वर्मा की फर्म के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। आरोप था कि वर्मा द्वारा जारी किया गया चेक, खाते में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण बाउंस हो गया था। इसके बाद जून 2022 में वर्मा को जमानत मिल गई थी, लेकिन इसके लिए उन्हें ₹5000 का सुरक्षा जमा और व्यक्तिगत मुचलका देना पड़ा था। लंबी कानूनी प्रक्रिया और कई सुनवाई के बाद, अदालत ने वर्मा के खिलाफ फैसला सुनाया।

अब अदालत ने राम गोपाल को तीन महिने की जेल की सजा सुनाई है। उन्हें 3.75 लाख की क्षतिपूर्ति करने का आदेश भी दिया गया है। यदि वर्मा तीन महीने के भीतर यह राशि नहीं चुकाते हैं, तो उन्हें तीन महीने की अतिरिक्त जेल सजा भुगतनी होगी। मजिस्ट्रेट ने यह स्पष्ट किया कि वर्मा को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 428 के तहत कोई 'सेट-ऑफ' नहीं मिलेगा, क्योंकि वह मुकदमे के दौरान हिरासत में नहीं थे।

राम गोपाल वर्मा ने अदालत में अंतिम सुनवाई में भाग नहीं लिया। यह फैसला उनकी आगामी फिल्म "सिंडिकेट" की घोषणा से ठीक एक दिन पहले आया। राम गोपाल वर्मा को अब या तो अदालत के आदेश का पालन करना होगा या ऊपरी अदालत में इस सजा के खिलाफ अपील करनी होगी। हालांकि, राम गोपाल वर्मा अपने विवादित बयानों और कानूनी विवादों के लिए पहले भी चर्चा में रहे हैं।

नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 क्या होता है?

यह धारा उन मामलों में लागू होती है, जब खाते में अपर्याप्त धनराशि के कारण चेक बाउंस हो जाता है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है।

Tags:    

Similar News