दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश : स्कूल में स्मार्टफोन ले जाने पर रोक नहीं, लेकिन USE नहीं कर सकते, जानें क्या रखीं शर्तें

Update: 2025-03-03 13:11 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने स्कूलों के छात्रों को लेकर एक निर्देश जारी किया है। जहां स्कूलों में छात्रों के स्मार्टफोन ले जाने पर रोक रहती है। वहीं अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद मोबाइल ले जा सकते हैं। लेकिन कोर्ट ने इसके लिए शर्त रखी है।

बता दें कोर्ट ने स्मार्टफोन ले जाने के मामले में दिशा निर्देश तय किए हैं। अदालत ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों में छात्रों द्वारा स्मार्ट फोन ले जाने को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है। लेकिन स्कूल फोन की निगरानी कर सकते हैं। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की अदालत द्वारका स्थित केंद्रीय विद्यालय के एक छात्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में स्कूल में फोन बैन को लेकर दिशा निर्देश तय करने की मांग की गई थी।

इस दौरान केंद्रीय विद्यालय संगठन ने तीन प्रमुख सर्कुलर सामने रखे, जिसमें स्कूलों में फोन के इस्तेमाल पर बैन की बात कही गई थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि फोन को लेकर अभी तक नकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं। ऐसे में अदालत ने स्कूलों में फोन की अनुमति देते हुए आदेश की एक प्रति सीबीएसई मुख्यालय को भेजे जाने का निर्देश दिया है।

स्कूल में स्मार्टफोन के उपयोग की निगरानी की जानी चाहिए

आइए जानते हैं अदालत ने क्या कहा ,छात्रों को स्कूल में स्मार्टफोन ले जाने से नहीं रोका जाना चाहिए, लेकिन स्कूल में स्मार्टफोन के उपयोग की निगरानी की जानी चाहिए। छात्रों को स्कूल में प्रवेश करते समय अपने स्मार्टफोन जमा करने और घर लौटते समय उन्हें वापस लेने की व्यवस्था होनी चाहिए। स्मार्टफोन से कक्षा में शिक्षण, अनुशासन या समग्र शैक्षिक वातावरण में बाधा नहीं आनी चाहिए। इसके लिए, कक्षा में स्मार्टफोन के उपयोग को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। स्कूल के सामान्य क्षेत्रों के साथ-साथ स्कूल वाहनों में भी स्मार्टफोन पर कैमरों और रिकॉर्डिंग को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। स्कूलों को छात्रों को डिजिटल शिष्टाचार और स्मार्टफोन के नैतिक उपयोग के बारे में शिक्षित करना चाहिए। स्कूल में स्मार्टफोन के उपयोग की निगरानी करने की नीति माता-पिता, शिक्षकों और विशेषज्ञों के परामर्श से बनाई जानी चाहिए।

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