अमेरिका ने ऐसे विदेशी छात्रों को दिया देश छोड़ने का आदेश, वीजा भी किया रद्द, जानें क्या है वजह
अमेरिका सरकार के इस आदेश से अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों पर भी पड़ेगा असर;
नई दिल्ली। अमेरिका में लाखों विदेशी छात्र पढ़ाई करने के लिए जाते हैं। लेकिन अमेरिकी सरकार ने इनमें से कई छात्रों के एफ-1 यानी स्टूडेंट वीजा रद्द कर दिए हैं। इसकी वजह छात्रों की विश्वविद्यालय परिसर में छात्र आंदोलन में भागीदारी और विरोधी पोस्ट शेयर करना बताई जा रही है।
ईमेल भेज कर किए वीजा रद्द
अमेरिका सरकार ने इस प्रक्रिया के लिए एक एआई आधारित एप ‘कैच और रिवोक’ लॉन्च किया है। यह एप छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रख रहा है। अगर कोई छात्र हमास जैसे प्रतिबंधित संगठन का समर्थन करते पाया जा रहा है, तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। उनके वीजा रद्द कर दिए गए हैं। साथ ही नए वीजा आवेदन की प्रक्रिया भी सख्त कर दी गई है। अभी तक सरकार 300 से ज्यादा वीजा रद्द कर चुकी है और यह प्रक्रिया लगातार जारी है।
छात्रों को ईमेल भेजकर यह जानकारी दी जा रही है कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है और उन्हें खुद को अमेरिका से निर्वासित करना होगा। वहीं अगर कोई छात्र गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में रुकता है तो उसके खिलाफ जुर्माना, हिरासत या जबरन निर्वासन जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें फिलहाल अमेरिका में लगभग 11 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं जिनमें से 3 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र है। सरकार के इस फैसले का असर इन सभी छात्रों पर पड़ सकता है।
विदेश मंत्री ने दिए आदेश
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने यह आदेश दिया कि कथित तौर पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीजा रद्द किए जाएंगे। साथ ही उन छात्रों के वीजा भी रद्द होंगे जिन्होंने सोशल मीडिया पर कथित देश विरोधी पोस्ट शेयर या लाइक की थी। उन्होंने कहा कि वीजा कोई जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है, अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे देश छोड़ना होगा। हर देश को यह अधिकार है कि वह ये तय करें कि कौन उसके देश में रह सकता है और कौन नहीं।