वक्फ विधेयक को लेकर सियासत गर्म, अखिलेश ने कहा-भाजपा हर चीज पर अपना नियंत्रण करना चाहती है

इस बिल में किसी भी वक्फ की एक इंच जमीन को न तो सरकार ले रही है और न ही कोई और ले रहा है: दिनेश शर्मा;

Update: 2025-04-01 06:55 GMT

नई दिल्ली। ईद की छुट्टी के बाद आज संसद का सत्र शुरु हुआ है। वक्फ के मुद्दे पर संसद में हंगामे के आसार हैं। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सियासत गर्म है। ऐसा माना जा रहा है कि 2 अप्रैल को संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश कर सकती है। इसके अलावा कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में मतदाता सुधार के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है और मतदाता फोटो पहचान पत्र की पुष्टि के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया है।

वक्फ गरीब मुसलमानों के लिए सपना को पूरा करने जैसा

बता दें कि वक्फ विधेयक को लेकर बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि वक्फ गरीब मुसलमानों के लिए सपना को पूरा करने जैसा है। यह उनकी बदहाली की अवस्था को ठीक करने वाला बिल है। इस बिल में किसी भी वक्फ की एक इंच जमीन को न तो सरकार ले रही है और न ही कोई और ले रहा है। किसी को भी न्यायालय में अपनी बात, अपना पक्ष रखने का अधिकार होगा, यदि कोई इस संशोधन का विरोध करता है तो मैं समझता हूं कि वे संविधान का विरोधी है और भीम राव अंबेडकर का विरोध करने वाला है।

भाजपा हर जगह हस्तक्षेप करना चाहती है

हालांकि वक्फ विधेयक पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा हम वक्फ के इसलिए खिलाफ हैं, क्योंकि भाजपा हर जगह हस्तक्षेप करना चाहती है और भाजपा हर चीज पर अपना नियंत्रण करना चाहती है। भाजपा किससे क्या कहलवा दे, किससे क्या करवा दे, यह भाजपा का कमाल है।

वक्फ बिल पहली बार नहीं आ रहा है

वहीं JDU सांसद संजय झा ने वक्फ संशोधन विधेयक पर कहा कि नीतीश कुमार पिछले 19 वर्षों से बिहार में काम कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए जो काम किया है वह भी सामने है। वक्फ बिल पहली बार नहीं आ रहा है। इससे पहले भी 2013 में संशोधित बिल आया था। सबसे बड़ा दंगा, भागलपुर दंगा कांग्रेस के समय में हुआ था और उसके बाद राजद की सरकार थी। उस दौरान किसी भी पीड़ित को न्याय नहीं मिला था। नीतीश कुमार आए जिसके बाद सबको न्याय मिला। नीतीश कुमार की राजनीति जब तक है लोगों के हितों की रक्षा की जाएगी।

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