दिल्ली-एनसीआर में अगले साल से उड़ेगी एयर टैक्सी, डेढ़-दो घंटे की जगह 15-20 मिनट में सफर होगा पूरा

Update: 2025-01-20 06:46 GMT

नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा में आयोजित अर्बन मोबिलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर शो में भविष्य के परिवहन के तौर पर एयर टैक्सी का कॉन्सेप्ट प्रदर्शित किया गया। एयर टैक्सी के संचालन, वर्टिपोर्ट (स्टेशन) और तकनीकी विवरणों को लेकर कंपनियों ने अपने इनोवेटिव आइडियाज प्रस्तुत किए। यह नई परिवहन सेवा जल्द ही दिल्ली-एनसीआर में वास्तविकता का रूप ले सकती है, जहां वर्तमान में डेढ़ से दो घंटे लगने वाले सफर को 15-20 मिनट में पूरा किया जा सकेगा।

सीहार्स एच5: विश्व का पहला ईवीटीओएल एयरक्राफ्ट

सीहार्स एयर लिमिटेड ने अपने ईवीटीओएल (वर्टिकल टेकऑफ एंड लैंडिंग) एयर टैक्सी सीहार्स एच5 कॉन्सेप्ट पेश किया। कंपनी के संस्थापक अनुराग गुप्ता के अनुसार, यह एयर टैक्सी मार्च 2026 तक उड़ान भरने के लिए तैयार होगी।

विशेषताएं:

- 150 किमी/घंटा की रफ्तार।

- एक पायलट और चार यात्रियों की क्षमता।

- 450 किमी तक की यात्रा एक बार चार्ज होने पर।

- 550 किलोग्राम वजन उठाने की क्षमता।

- हेलीकॉप्टर की तरह वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग।

- इमरजेंसी स्थिति में केवल आठ सेकंड में लैंडिंग।

- 10 मीटर की न्यूनतम ऊंचाई पर भी उड़ान।

अनुराग गुप्ता ने बताया कि यह विश्व का पहले वर्टिकल टेक आफ एंड लैंडिंग एयरक्राफ्ट (ईवीटीओएल) है जो 10 मीटर की ऊंचाई पर भी उड़ सकता है। इमरजेंसी में आठ सेकंड में लैंड कर सकता है। इसकी लैंडिंग व टेकआफ के लिए किसी रनवे, एयरपोर्ट, सीपोर्ट की जरूरत नहीं है। इसमें एक पायलट और चार सवारी बैठ सकेंगी। एक बार चार्ज होने पर ये 450 किमी की दूरी तय कर सकेगा। इसका उपयोग यात्री परिवहन, एयर एंबुलेंस, कार्गो और बचाव अभियानों में ज्यादा किया जा सकता है।

कंपनी की ओर से ही देश के प्रमुख शहरों में एयरडाक (स्टेशन) बनाए जाएंगे। इसके लिए करीब 20 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। कंपनी की ओर से एयर टैक्सी का भी निर्माण भी अंतिम चरण में है जो 200 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ने के साथ ही छह लोगों को बैठा सकती है।

यह ग्रीन हाइड्रोजन और बैट्री दोनों से चलेंगी। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसका परीक्षण किया जा रहा है। पूरा स्टेशन सोलर सिस्टम युक्त होगा, जिससे की कार्बन उत्सर्जन शून्य रहे। महज पांच रुपये प्रति किलोमीटर किराये का खर्च आएगा। प्रत्येक स्टेशन पर करीब 10 एयर टैक्सी होगी। पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर रूट निर्धारण के लिए नागरिक उड्डयन विभाग से अनुमति ली जाएगी।

एयर टैक्सी पायलट प्रोजेक्ट के सफल परीक्षण के बाद नागरिक उड्डयन विभाग की मंजूरी के साथ दिल्ली-एनसीआर में रूट तय किए जाएंगे। यह तकनीक न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के साथ-साथ यातायात का एक नया युग भी शुरू करेगी।  

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