ये कैसी आस्था है? भक्ति में डूबे कांवड़ यात्री स्वच्छता भूले, हरिद्वार में छोड़ा 150 मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा

Update: 2023-07-15 07:49 GMT

पिछले 4 जुलाई से कांवर यात्रा शुरू हुई थी और आज 15 जुलाई शनिवार को सावन की शिवरात्रि के साथ कांवर यात्रा समाप्त हो गई. कांवर यात्री जलमग्न होकर अपने गंतव्य को लौटने लगे। इस अवधि में हरिद्वार आने वाले कांवर यात्रियों की संख्या चार करोड़ से अधिक हो गयी। अनुमान पहले ही लगाया जा रहा था कि इस बार जल भरने के लिए हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पांच करोड़ तक पहुंच सकती है.

गंगा सफाई का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जाता

वहीं, दूसरी ओर आस्था के अतिरेक में गंगा जल लेने हरिद्वार पहुंचे चार करोड़ से अधिक कांवर यात्रियों ने गंगा स्वच्छता का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा। उन्होंने 150 मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा गंगा और गंगा घाट में छोड़ दिया. कूड़े के कारण हरकी पैड़ी सहित क्षेत्र के सभी गंगा घाटों पर भारी गंदगी से दुर्गंध है।

संक्रामक रोग फैलने का ख़तरा

कूड़े के कारण बरसात के मौसम में संक्रामक रोग फैलने का खतरा रहता है, नगर निगम व अन्य स्वयंसेवी संस्थाएं अपने संसाधनों से इसकी सफाई में जुटी हुई हैं। इसके बावजूद माना जा रहा है कि पूरी तरह से सफाई होने में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा। तब तक यहां गंगा स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को इसी गंदगी में रहना होगा।

कूड़े में भारी मात्रा में प्रतिबंधित पॉलीथिन

गौरतलब है कि कूड़े में बड़ी संख्या में प्रतिबंधित श्रेणी के पॉलीथिन भी हैं, जो गंगा घाटों और गंगा में छोड़ दिये गये हैं. नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती का दावा है कि अगर मौसम अनुकूल रहा तो दो दिन में इलाके की सफाई करा दी जायेगी.

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