मेवाड़ में स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित कार्यक्रमों ने सबका मन मोहा
स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को दासता से मुक्ति दिलाई – डॉ. अशोक गदिया
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित कार्यक्रमों ने सबका मन मोह लिया। संभाषण और कविताओं ने तो सराहना बटोरी ही, स्वामी विवेकानंद पर आधारित विभिन्न प्रस्तुतियों ने माहौल को और भी आकर्षक बना दिया।
इस अवसर पर मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने स्वामी विवेकानंद को भारत के 65 करोड़ युवाओं का सशक्त प्रतिनिधि बताया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने दासता और परतंत्रता से निराश हो चुके युवाओं में उत्साह एवं उमंग का संचार किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध वाक्य को उद्धृत करते हुए कहा कि उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक अपने लक्ष्य की प्राप्ति न कर लो।
डॉ. गदिया ने युवाओं से आह्वान किया कि वे स्वामी विवेकानंद के मद्रास में दिए गए "मेरी क्रांतिकारी योजना" विषयक भाषण को अवश्य पढ़ें। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु से प्राप्त ज्ञान को संपूर्ण विश्व में बांटा और धर्मध्वजा फहराते हुए उपनिवेशवाद के खिलाफ नई क्रांति का बिगुल बजाया।
उन्होंने कहा कि महापुरुषों के चरित्र को अपनाकर ही भारत में विकास की संभावनाओं को साकार किया जा सकता है। अपने संभाषण में डॉ. गदिया ने दया, करुणा और गुरु की महिमा के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका, डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि आज देश को आध्यात्मिक क्रांति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाकर ही युवा आत्मविश्वासी और सशक्त बन सकते हैं। स्वधर्म के बोध पर विशेष बल देते हुए उन्होंने युवाओं को पवित्रता, अच्छाई और सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि आज देश को चरित्रनिष्ठ युवाओं की आवश्यकता है। तभी भारत पुनः विश्वगुरु बन सकता है। इस समारोह में प्राची एंड ग्रुप, शताक्षी एंड ग्रुप के साथ मुस्कान, शिप्रा, शिखा, शिवांगी, शिल्पी और नंदिनी ने कविता, गीत, संभाषण, विचार और स्लोगन प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर डॉ. अशोक कुमार गदिया द्वारा लिखित पुस्तक "मेरी क्रांतिकारी योजना" विद्यार्थियों को वितरित की गई। समारोह में मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के समस्त स्टाफ और विद्यार्थी उपस्थित थे। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन बीएड की छात्रा शिप्रा ने किया।