उत्तराखंड: डेंगू ग्रस्त राज्य के पांच जिलों में चलेगा विशेष अभियान, 13 विभाग संयुक्त रूप से करेंगे निगरानी

Update: 2023-07-05 07:54 GMT


स्वास्थ्य मंत्री ने डेंगू नियंत्रण और रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने के निर्देश दिये हैं.

डेंगू की आशंका वाले पांच जिलों में रोकथाम और जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सख्त निर्देश दिए कि डेंगू की रोकथाम में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वहीं, 13 लाइन विभाग भी डेंगू की निगरानी करेंगे.

स्वास्थ्य मंत्री ने डेंगू नियंत्रण और रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने के निर्देश दिये हैं. सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जनपद स्तर पर डेंगू पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा गया। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि डेंगू के नियंत्रण एवं रोकथाम अभियान में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी.

मंत्री ने डेंगू संभावित मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, पौडी तथा नैनीताल में जन जागरूकता एवं रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये। शहरी विकास, ग्रामीण विकास, पंचायती राज विभाग, परिवहन विभाग, सिंचाई विभाग, जलदाय विभाग, कृषि विभाग, पर्यटन विभाग, आपदा प्रबंधन, मौसम विभाग, महिला अधिकारिता एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर डेंगू की रोकथाम की जा रही है. शिक्षा एवं सूचना विभाग कन्ट्रोल को जनजागरूकता अभियान चलाने एवं इसकी सतत् निगरानी के भी निर्देश दिये गये।

बताया, जल्द ही रेखीय विभागों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की जाएगी। प्रदेश के अस्पतालों में नि:शुल्क डेंगू जांच की सुविधा उपलब्ध है। डेंगू मरीजों के समुचित उपचार के लिए प्रदेश भर की चिकित्सा इकाइयों में 1466 डेंगू आइसोलेशन बेड आरक्षित किये गये हैं, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा डेंगू के गंभीर रोगियों के लिए ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।

यह हैं डेंगू के लक्षण

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के प्रभारी अधिकारी डॉ. पंकज सिंह ने बताया, बरसात के मौसम में डेंगू का संक्रमण और प्रसार तेजी से होता है। किसी स्वस्थ व्यक्ति में संक्रमित मच्छर के काटने के बाद डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं, जो तीन से 14 दिनों तक रह सकते हैं। डेंगू बुखार तीन प्रकार का होता है, जिसमें डेंगू बुखार (साधारण), डेंगू हेमरेजिक और डेंगू शॉक सिंड्रोम। डेंगू बुखार में संक्रमित व्यक्ति को ठंड के साथ तेज़ बुखार होता है। इसमें सिरदर्द, बदन दर्द और मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। रोगी को भूख कम लगती है तथा शरीर पर लाल चकत्ते निकल आते हैं। डेंगू हेमोरेजिक बुखार में इन लक्षणों के साथ नाक, कान, मसूड़ों, शौच या उल्टी में खून आता है और त्वचा पर गहरे नीले, काले चकत्ते दिखाई देते हैं। डेंगू शॉक सिंड्रोम में इन सभी लक्षणों के अलावा मरीज का ब्लड प्रेशर भी कम होने लगता है। रोगी को अत्यधिक परेशानी महसूस होती है। बताया, डेंगू के लक्षण दिखने पर तत्काल अस्पताल जाकर जांच कराएं। डेंगू बुखार का सबसे अच्छा उपचार रोकथाम है।

Tags:    

Similar News