उत्तराखंड: अब भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया में नहीं फंसेगा सड़कों का निर्माण, राज्य सरकार बनाने जा रही है नई नीति

Update: 2023-07-31 08:10 GMT

राज्य में वन भूमि हस्तांतरण की जटिल प्रक्रिया के कारण सड़क परियोजनाओं के काम में अनावश्यक देरी हो रही है. इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए राज्य सरकार एक नई नीति बनाने जा रही है. इसके तहत प्रतिपूरक वृक्षारोपण में निर्धारित नीति के अनुसार अब दोगुने क्षेत्रफल में पौधे लगाने के बजाय बराबर क्षेत्रफल में पौधे लगाये जा सकेंगे।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सशक्त उत्तराखंड@25 के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान आसान बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य के विकास के लिए दीर्घकालिक योजनाएँ। इसके लिए सभी विभागों से 10 साल का रोडमैप मांगा गया है। प्रस्तावित लक्ष्यों के तहत पीडब्ल्यूडी की ओर से विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के साथ-साथ विकास योजनाओं को कम से कम समय में पूरा करने के सुझाव दिये गये हैं. इनमें से कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री धामी ने सहमति जताई और उन्हें आगे बढ़ाने को कहा.

बड़े प्रोजेक्ट पीपीपी मोड पर देने का प्रस्ताव

वन भूमि अधिनियम के अनुसार, राज्य में केंद्रीय सड़क परियोजनाओं के अलावा अन्य राज्य परियोजनाओं की संख्या की तुलना में वृक्षारोपण के लिए दोगुनी भूमि देनी होती है। जबकि प्रदेश में इसके लिए सीमित जमीन बची है। लोनिवि ने इसके लिए नई नीति बनाने और इस प्रक्रिया को आसान बनाने का प्रस्ताव रखा है। बड़े प्रोजेक्टों को पीपीपी मोड पर देने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा जमीन की स्वीकृति, मुआवजा वितरण और काश्तकारों की सहमति में लगने वाले अतिरिक्त समय को कम करने का भी स्थाई रास्ता निकाला जाएगा।

सड़क परियोजनाओं में सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियां

1. वनभूमि हस्तांतरण की जटिल प्रक्रिया के कारण कई प्रस्ताव लंबित

2. भूमि मुआवजा की स्वीकृति, वितरण और काश्तकारों की सहमति लेने में लगने वाला अतिरिक्त समय

3. कार्यानुकूल सीमित मौसम उपलब्ध होना, श्रमिकों की कमी

4. मानसून में भूस्खलन एवं बादल फटने से कार्य प्रभावित

5. पर्याप्त मानव संसाधन की कमी

6. कौशल विकास के लिए मानव और तकनीकी संसाधनों की आभाव

नये पदों का सृजन, कुछ पुराने पद खत्म किये जायेंगे

लोनिवि में कौशल विकास और तकनीकी क्षमता बढ़ाने के लिए आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा सकते हैं। इसके तहत कुछ नये पद सृजित किये जा सकते हैं, जबकि कुछ ऐसे पद समाप्त किये जा सकते हैं, जो अब उपयोगी नहीं हैं.

नवोन्मेषी प्रयोग पर विशेष भत्ता दिया जाएगा, प्रशिक्षण प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा

लोनिवि में उत्कृष्ट और नवीन प्रयोग करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष प्रोत्साहन भत्ता देने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा विभाग में नवीनतम तकनीकी प्रयोगों एवं कुशल विभागीय कार्य के लिए एक प्रशिक्षण सेल स्थापित करने का भी प्रस्ताव है.

उत्तराखंड @25 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष कई प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये हैं। इनमें वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नई नीति लाने का प्रस्ताव प्रमुख है। इस पर मुख्यमंत्री द्वारा सहमति दे दी गयी है. जल्द ही इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।'

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