उत्तराखंड समाचार: आईपीसी और सीआरपीसी से उर्दू के 160 साल पुराने कठिन शब्द हटेंगे, पुलिस पढ़ेगी आसान भाषा

भारत में ब्रिटिश सरकार ने वर्ष 1860 में पुलिस का गठन किया। तब से आईपीसी में अपराधियों को सजा का प्रावधान है, जबकि सीआरपीसी की किताब पुलिस के अधिकारों के काम आती है। इन किताबों में उस समय की उर्दू भाषा ही पढ़ी और लिखी जाती थी। अब उर्दू के कठिन शब्दों के स्थान पर आसान शब्द लिखे जाने लगे हैं। इस वर्ष भर्ती हुए पुलिसकर्मी नई पुस्तकों से पढ़ेंगे

Update: 2023-06-07 10:06 GMT

भारतीय दंड संहिता (IPC) और दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) से अप्रचलित उर्दू शब्द जैसे रोज़नामचा, गुनाहे किताब को हटा दिया जाएगा। पुलिस प्रशिक्षण के लिए 160 साल पुरानी इस शब्दावली के स्थान पर हिंदी के सरल और बोलचाल के शब्दों का प्रयोग किया जाएगा।

समय के साथ कुछ नए संस्करण भी आए जिनमें कुछ शब्द हिन्दी में लिखे गए। हालाँकि, अब ये शब्द आम बोलचाल से बाहर हो गए हैं। सामान्य अध्ययन करने के बाद जब पुलिसकर्मियों की भर्ती की जाती है तो उन्हें ऐसे शब्द देखने पड़ते हैं जो उन्होंने कभी पढ़े ही नहीं हों।

इस वर्ष भर्ती हुए पुलिसकर्मी नई पुस्तकों से पढ़ेंगे

अब तो पीड़ितों की शिकायतें भी हिन्दी में लिखी जाती हैं। निचली अदालतों में कार्यवाही अधिकतर हिंदी में ही होती है। अधिकांश अधिवक्ता पुलिस की इस भाषा को समझ ही नहीं पा रहे हैं। ऐसे में प्रदेश में पहली बार पुलिस की शिक्षा और प्रशिक्षण को लेकर बदलाव किया जा रहा है. कठिन उर्दू शब्दों के स्थान पर आसान शब्द लिखे जा रहे हैं। इस साल भर्ती होने वाले पुलिसकर्मी नई किताबों से पढ़ाई करेंगे। ये किताबें पुलिस प्रशिक्षण स्कूल के साथ ही हर पुलिस लाइन में उपलब्ध कराई जाएंगी।

अगर अटेंडेंस कम होगी तो बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।

पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय एवं अन्य प्रशिक्षण केन्द्रों में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। बायोमेट्रिक अटेंडेंस होगी। जो बाहर जाना चाहते हैं उनके लिए गेट पास की व्यवस्था की जाएगी। जो ज्यादा देर तक बाहर रहता है और हाजिरी कम होती है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।

तकनीकी शिक्षा भी शामिल होगी।

पुलिस के सामने इस वक्त साइबर क्राइम सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसे में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल और पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों को भी नई तकनीक से रूबरू कराया जाएगा। उन्हें साइबर अपराध में पाठ्यक्रम भी पढ़ाया जाएगा।

पुलिस कार्रवाई में इस्तेमाल होने वाले शब्द

गुनाहे किताब : इसका उपयोग अपराध के लिए होता है

पतारसी- अपराध को ज्ञात करने का प्रयास जारी

रोजनामचा आम- इस रजिस्टर में थाने की हर गतिविधि लिखी होती है

हिकमत अमली- केस की बारीकी से छानबीन करना

देहाती नालसी- मौके पर तैयार होने वाली पहली रिपोर्ट

खात्मा- फाइनल रिपोर्ट

खारिजी-  झूठी रिपोर्ट को खारिजी कहते हैं


कुछ शब्द और उनके हिंदी अर्थ

इस्तगासा- परिवाद

जिरह- प्रतिपरीक्षण

इजरा- क्रियान्वयनो

तलवी- सूचना प्रेषित

दरख्वास्त- आवेदन

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