उत्तराखंड में पूरे साल पर्यटन उद्यम को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर, ईको टूरिज्म पर फोकस किया जा रहा है

Update: 2023-09-27 07:34 GMT

 चारधाम यात्रा के चलते धार्मिक पर्यटन के लिए उत्तराखंड मशहूर है। सीजन के दौरान ही पर्यटन से जुड़ा कारोबार चलता है, लेकिन अब सरकार का उत्तराखंड में पूरे साल पर्यटन उद्यम को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर, ईको टूरिज्म पर फोकस किया जा रहा है ।

उत्तराखंड में अब पूरे साल पर्यटन उद्योग का चक्र घूमेगा। तीर्थाटन के सााथ ही एडवेंचर और ईको टूरिज्म में राज्य देश-दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। आने वाले समय में पर्यटन को पंख लगने की उम्मीद है जिसमे पर्वतमाला, वाईब्रेंट विलेज और मानसखंड मंदिर माला मिशन शामिल है।

उत्तराखंड में संभावनाएं बेशुमार है की हिमाचल और जम्मू-कश्मीर को टक्कर दे सके । उत्तराखंड अभी तक चारधाम यात्रा के चलते धार्मिक पर्यटन के लिए मशहूर है। यात्रा सीजन के दौरान ही पर्यटन से जुड़ा कारोबार चलता है, लेकिन अब सरकार का प्रदेश में पूरे साल पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर, ईको टूरिज्म पर फोकस किया है। नए स्थानों पर पर्यटक सुविधाओं के लिए अवस्थापना विकास करने की योजना है।

पहले चरण में ये मंदिर शामिल

केदारनाथ, बदरीनाथ धाम की तर्ज पर कुमाऊं मंडल के ऐतिहासिक मंदिरों में अवस्थापना विकास के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना शुरू की गई है, जिसमें 48 मंदिरों को शामिल किया गाय। पहले चरण में 16 मंदिरों की डीपीआर बनाई जा रही। इसमें अल्मोड़ा के जागेश्वर महादेव, गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर कटारमल, कसारदेवी मंदिर, नंदादेवी मंदिर, पिथौरागढ़ के पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका मंदिर, बागेश्वर के बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, चंपावत के पाताल रुद्रेश्वर गुफा, पूर्णागिरी मंदिर, देवीधुरा बाराही देवी मंदिर, बालेश्वर मंदिर, नैनीताल के नैनादेवी, कैंची धाम, ऊधमसिंह नगर के चैती बाल सुंदरी मंदिर शामिल हैं।

पर्वतमाला मिशन से आसान होगी पर्यटकों की राह

राज्य में पर्वत माला मिशन के तहत 40 स्थानों पर रोपवे विकसित किए जाएंगे। 3,600 करोड़ की लागत से गौरीकुंड से केदारनाथ और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब रोपवे बनाया जाएगा। एनएचएआई के अधीन नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड डीपीआर तैयार कर रही है। इसके अलावा 300 करोड़ रुपये से देहरादून-मसूरी का निर्माण इसी साल दिसंबर में शुरू होगा। खरसाली से यमुनोत्री, ठुलीगाड से पूर्णागिरी, औली से गारसों, रानीबाग से नैनीताल, पंचकोटी से टिहरी, खलियाटॉप से मुनस्यारी, ऋषिकेश से नीलकंठ रोपवे का निर्माण किया जाएगा।

वाईब्रेंट विलेज से पर्यटकों से गुलजार होंगे सीमांत गांव

केंद्र की वाईब्रेंट विलेज योजना से चीन-नेपाल की सीमा से सटे चमोली, पिथौरागढ, उत्तरकाशी जिले के 51 गांव में पर्यटन दृष्टि से विकसित होंगे। सीमांत गांवों में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

प्रदेश में ब्रेकफास्ट टूरिज्म शुरू करने तैयारी

मसूरी के जार्ज एवरेस्ट से हेलिकॉप्टर से हिमालय दर्शन राइड शुरू की गई है। इसी तरह पर्यटकों के लिए ब्रेकफॉस्ट टूरिज्म को शुरू करने की तैयारी है, जिसमें पर्यटकों को प्रदेश के ऐसे खूबसूरत स्थलों पर ले जाया जाएगा। जहां पर उन्हें नैसर्गिक सुंदरता को निहारने के साथ ब्रेकफास्ट की सुविधा भी होगी।

चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्री

वर्ष यात्रियों की संख्या

2019 34.78 लाख

2020 3.30 लाख

2021 5.30 लाख

2022 46.29 लाख

2023 अब तक 42 लाख

पर्यटकों के लिए उपलब्ध आवासीय सुविधा

श्रेणी संख्या बेड की संख्या

होटल, लॉज 8,250 2 लाख

धर्मशाला व आश्रम 873 1.56 लाख

सरकारी गेस्ट हाउस 363 2,271

पर्यटन आवास, रेनबसेरा 208 7,709

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