उत्तराखंड: राज्य में एक ही दिन में 78 जगहों पर लगी आग, 647 पहुंचा वनाग्नि का आंकड़ा

पिछले छह दिनों में वनाग्नि के 171 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि पिछले 24 घंटों में गढ़वाल में 34, कुमाऊं में 41 और संरक्षित वन्यप्राणी क्षेत्रों में तीन आग लगी। वनाग्नि की घटनाओं में 98 हेक्टेयर वन क्षेत्र को क्षति पहुंची है। साथ ही 2 लाख 30 हजार रुपये के आर्थिक नुकसान का आंकलन किया गया है।

Update: 2023-06-13 10:50 GMT


प्रदेश में भीषण गर्मी के साथ ही जंगल में आग लगने की घटनाओं में अचानक तेजी आ गई है। पिछले 24 घंटों में जंगल में आग की 78 घटनाएं दर्ज की गईं, जो इस वनगनीकाल में एक दिन में दर्ज की गई सबसे अधिक घटनाएं हैं। प्रदेश में वनाग्नि का आंकड़ा 647 पहुंच गया है।

पिछले कुछ दिनों से हर रोज तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. इसके साथ ही राज्य में वनाग्नि की घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं। पिछले छह दिनों में वनाग्नि के 171 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि पिछले 24 घंटों में गढ़वाल में 34, कुमाऊं में 41 और संरक्षित वन्यप्राणी क्षेत्रों में तीन आग लगी।

वनाग्नि की घटनाओं में 98 हेक्टेयर वन क्षेत्र को क्षति पहुंची है। साथ ही 2 लाख 30 हजार रुपये के आर्थिक नुकसान का आंकलन किया गया है। एक नवंबर 2022 से शुरू हुए वनगनीकाल में अब तक वनाग्निक की 647 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसमें कुल 769 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है, जबकि करीब 19 लाख 59 हजार रुपये की आर्थिक क्षति का आकलन किया गया है। .

पूर्व सीएम हरीश रावत ने चिंता व्यक्त की

राज्य में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इन दिनों पौड़ी, अल्मोड़ा और नैनीताल क्षेत्र के दौरे पर हैं. रास्ते में जगह-जगह जंगल जलते हुए नजर आए। कहा, जहां एक ओर वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं से प्रकृति को नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर जल स्रोत सूखने से जल संकट भी उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने सरकार को आवश्यक कदम उठाने की चेतावनी दी है।

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