उत्तराखंड: यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर, नहीं मिल रहा दाखिला और न ही भर्ती

Update: 2023-08-28 09:50 GMT

पिछले अकादमिक सत्र की शुरुआत में बड़े-बड़े दावे करने वाले प्रदेश के राज्य व केंद्रीय विवि की सुस्ती ने हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा दिया है। न तो वे पीजी में अपने राज्य या बाहरी विश्वविद्यालयों में दाखिला ले पा रहे हैं और न ही आयु सीमा से जुड़ी सीडीएस जैसी भर्तियों में शामिल हो पा रहे हैं।

रिजल्ट समय से न आने की वजह से उनकी छात्रवृत्ति भी अटक रही है। ये हाल तब है जबकि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत प्रदेश में एक प्रवेश, एक सत्र, एक परीक्षा के निर्देश दे चुके हैं। विवि के हालात, छात्रों के नुकसान पर एक रिपोर्ट।गढ़वाल केंद्रीय विवि: गढ़वाल विश्वविद्यालय ने अपने अकादमिक कैलेंडर में परीक्षाओं का जिक्र तो नहीं किया लेकिन ये नियम बनाया हुआ है कि पीजी दाखिलों के समय यूजी अंतिम वर्ष के रिजल्ट होने चाहिएं। अब पीजी के दाखिले शुरू हो चुके हैं, लेकिन स्नातक की अंतिम परीक्षाओं के बाद अभी तक प्रैक्टिकल चल रहे हैं। रिजल्ट का कोई ठिकाना नहीं है।कुमाऊं विवि: विवि के अकादमिक कैलेंडर के मुताबिक वार्षिक पैटर्न के कोर्स बीए, बीएससी आदि की परीक्षाएं 16 अप्रैल से छह मई तक कराने के बाद सात जून को रिजल्ट जारी करना था, लेकिन 16 अगस्त को विवि का एनवायरमेंटल साइंस का आखिरी पेपर हुआ है। रिजल्ट का अभी कोई ठिकाना नहीं है।

श्रीदेव सुमन विवि: विवि की वार्षिक स्नातक परीक्षाएं अकादमिक कैलेंडर में 10 अप्रैल से 05 मई के बीच होनी थीं। लेकिन विवि की परीक्षाएं 13 जून को खत्म हुईं। इन परीक्षाओं का अभी तक रिजल्ट नहीं आया है।सोबन सिंह जीना अल्मोड़ा विवि: अकादमिक कैलेंडर के हिसाब से परीक्षाएं 09 मई से 09 जून के बीच होनी थी। विवि में बीए की परीक्षाएं 07 अक्तूबर तक, बीएससी की 03 अक्तूबर, बीकॉम की 29 सितंबर तक होंगी। ऐसे में कब रिजल्ट आएगा और कब दाखिले होंगे, कुछ पता नहीं।उत्तराखंड मुक्त विवि: अकादमिक सत्र के मुताबिक, ग्रीष्मकालीन सत्र की वार्षिक परीक्षाएं जून-जुलाई में होनी चाहिए, लेकिन स्नातक की वार्षिक परीक्षाएं 28 अगस्त तक होनी हैं। इसके बाद रिजल्ट आएंगे और फिर यहां के छात्र कहीं और पीजी में दाखिला नहीं ले पाएंगे।

ये हो रहा नुकसान

-समय से रिजल्ट न आने की वजह से छात्र किसी भी अन्य राज्य में पीजी में दाखिला लेने से वंचित।

-रिजल्ट न आने से सीडीएस जैसी भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने से वंचित।

-छात्रवृत्ति के आवेदन के लिए पिछली कक्षा का रिजल्ट जरूरी लेकिन रिजल्ट न आने की वजह से छात्रवृत्ति से वंचित।

-तीन साल का स्नातक कोर्स पूरा करने में छात्र के चार से पांच साल बर्बाद हो रहे हैं।


समर्थ से पीजी दाखिले भी लटके

ग्रेजुएशन के रिजल्ट न आने की वजह से राज्य के विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में समर्थ पोर्टल के माध्यम से होने वाले पीजी दाखिले भी लटक गए हैं। छात्र परेशान हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। उधर, गढ़वाल विवि अंतिम सेमेस्टर के रिजल्ट की प्रत्याशा में सीयूईटी से पीजी के दाखिले दे रहा है।

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