मजदूरों के परिजनों के चेहरे पर छाई खुशी, पटाखे फोड़ मनाया जश्न, बांटी मिठाई |
उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से उनके सफल बचाव की खबर मिलने पर 41 फंसे हुए श्रमिकों के परिवार के सदस्यों के चेहरे पर राहत और खुशी छा गई। लंबे समय तक हताशा सहने वाले परिवारों ने बचाव का जश्न मनाया और अपने प्रियजनों को वापस लाने के लिए सरकार को तहे दिल से धन्यवाद दिया।
दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर आ गए हैं। रैट माइनर्स की टीम ने मंगलवार को मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने में सफलता पाई। बीते 17 दिनों से कई टीमें बचाव अभियान में जुटी थीं। पहले ऑगर मशीन से सुरंग में पाइप डाला जा रहा था, लेकिन लक्ष्य से 12 मीटर पहले ही बाधाएं आने की वजह से मशीन काम नहीं कर पाई। इसके बाद रैट माइनर्स की टीम को बुलाया गया। जिसके बाद श्रमिकों को बाहर निकालने में सफलता मिली।
उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से उनके सफल बचाव की खबर मिलने पर 41 फंसे हुए श्रमिकों के परिवार के सदस्यों के चेहरे पर राहत और खुशी छा गई। लंबे समय तक हताशा सहने वाले परिवारों ने बचाव का जश्न मनाया और अपने प्रियजनों को वापस लाने के लिए सरकार को तहे दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी जाहिर की। परिवार के कुछ सदस्य श्रमिकों का हाल जानने के लिए उनके साथ वीडियो कॉल पर लगे रहे। कई रिश्तेदार, जो घटना के कुछ दिन बाद घटनास्थल पर पहुंचे थे और तब से वहीं डेरा डाले हुए थे, आखिरकार अपने प्रियजनों से मिल गए।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में फंसे एक मजदूर मंजीत के आवास पर जश्न मनाया गया। मंजीत के पिता ने कहा, "मुझे बहुत खुशी है कि मेरे बेटे को सुरक्षित बचा लिया गया है। सुरंग के अंदर फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए मैं भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं।"
ऐसे ही दृश्य ओडिशा के नबरंगपुर में सामने आए, जहां भगवान बत्रा के परिवार के सदस्यों ने सुरंग से उनके सफल बचाव के बाद पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी का जश्न मनाया। ओडिशा मयूरभंज के बचाए गए श्रमिक धीरेन नाइक की मां ने सुरंग से श्रमिकों को बचाने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
एक अन्य श्रमिक राम प्रसाद नरजारी के परिवार के सदस्य बहुत खुश दिखे और नरजारी की पत्नी ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं... मैं भारत सरकार को धन्यवाद देती हूं।" नारजारी के पिता ने कहा, "सुरंग के अंदर फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए मैं भारत सरकार और असम सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं... यह सुनकर मुझे राहत मिली है कि बचाए गए लोगों को अस्पताल ले जाया गया है।"
हिमाचल प्रदेश के एकमात्र श्रमिक विशाल नामक श्रमिक के परिवार के सदस्यों ने भी अपनी खुशी साझा की। विशाल की मां उर्मिला ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ''मैं उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सरकारों से बहुत खुश हूं, मैं उन्हें तहे दिल से धन्यवाद देती हूं।''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बचाए गए लोगों से फोन पर बात की। बता दें कि 12 नवंबर को सिल्क्यारा छोर से निर्माणाधीन सुरंग के एक हिस्से के ढह जाने के बाद 41 श्रमिकों के फंसने के बाद बचाव अभियान शुरू किया गया था। 41 लोगों में से 15 झारखंड से, दो उत्तराखंड से, पांच बिहार से, तीन पश्चिम बंगाल से, आठ उत्तर प्रदेश से, पांच ओडिशा से, दो असम से और एक हिमाचल प्रदेश से है।