वन दारोगा के 316 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ

Update: 2023-07-26 08:19 GMT

नैनीताल हाईकोर्ट ने वन दरोगा के 316 पदों की भर्ती मामले में एकलपीठ के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें एकलपीठ ने वन दरोगा भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। खंडपीठ के इस आदेश के बाद वन दरोगा भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार एकलपीठ ने 22 जून 2023 को अंतरिम आदेश जारी कर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSC) की ओर से संचालित फॉरेस्टर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इस आदेश को कुछ उम्मीदवारों ने खंडपीठ में चुनौती दी थी।याचिकाकर्ताओं कि दलील थी कि आयोग ने फॉरेस्टर के 316 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की और अप्रैल 2021 में लिखित परीक्षा भी कराई लेकिन इसी बीच UKSSC पेपर लीक मामला सामने आया। SIT ने मामले की जांच के बाद नकल करने वाले कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया। परीक्षा में बड़े स्तर पर नकल की पुष्टि के बाद आयोग ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को खारिज कर दिया।

साथ ही नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी। लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिए सफल उम्मीदवारों का चयन भी कर लिया गया। इस दौरान कुछ उम्मीदवार हाईकोर्ट पहुंच गए और UKSSC के कदम को चुनौती देते हुए नई भर्ती प्रक्रिया को खारिज करने की मांग की। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि नकल के आरोपियों को पकड़ने के बजाय आयोग ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया। आयोग की ओर से कहा गया कि 53000 से अधिक उम्मीदवारों ने भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग किया और नकल के आरोपियों की पहचान करना संभव नहीं है। आयोग की ओर से बड़े स्तर पर नकल की आशंका व्यक्त की गयी। इसके बाद आयोग की ओर से एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी गयी। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ ने आज आयोग की अपील पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ के आदेश को खारिज कर दिय । युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि कुछ मुट्ठीभर उम्मीदवारों की वजह से पूरी भर्ती प्रक्रिया अधर में लटकी है। अदालत ने एकलपीठ के आदेश को खारिज कर दिया और आयोग को भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिये। अदालत ने यह भी कहा कि परीक्षा का परिणाम याचिका के अंतिम आदेश के अधीन रहेगा। साथ ही एकलपीठ से भी कहा कि वह याचिका को जल्द से जल्द निस्तारित करे।इस पर एकलपीठ ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। एकलपीठ के इस आदेश को खंडपीठ मे चुनौती दी गई थी। जिसके बाद अब भर्ती प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है।

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