41 जान बचाने के लिए विदेशी विशेषज्ञों की मदद से आज उत्तरकाशी में 'सिक्सर'
पीएमओ में पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने बताया कि अब पांच प्लान पर एक साथ काम शुरू होगा। इसमें राज्य व केंद्र की छह एजेंसियां मिलकर काम करेंगी। इन पांच प्लान में सुरंग के सिलक्यारा छोर, बड़कोट छोर और सुरंग के ऊपर तथा दाएं और बाएं से ड्रिलिंग कर रास्ता तैयार किया जाएगा। जिससे अंदर फंसे सभी मजदूरों को बचाया जा सके।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए अब विदेशी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। शनिवार को इंजीनियरिंग विशेषज्ञ अरमांडो कैपेलन और माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर भी बचाव कार्य में मदद के लिए मौके पर पहुंच गए हैं। पांच योजनाओं पर आज केंद्र और राज्य की छह टीम शुरू करेगी।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल, पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव महमूद अहमद और भूविज्ञानी वरुण अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और मैराथन बैठक की।
भास्कर खुल्बे ने मीडिया को बताया कि अब पांच प्लान पर एक साथ काम शुरू होगा। इसमें राज्य व केंद्र की छह एजेंसियां मिलकर काम करेंगी। इन पांच प्लान में सुरंग के सिलक्यारा छोर, बड़कोट छोर और सुरंग के ऊपर तथा दाएं और बाएं से ड्रिलिंग कर रास्ता तैयार किया जाएगा। जिससे अंदर फंसे सभी मजदूरों को बचाया जा सके।
नई राह पर चल रहा काम, पुरानी भी बंद नहीं
एक ओर जहां वर्टिकल सुरंग बनाकर मजदूरों को बाहर निकालने के विकल्प पर विचार चल रहा है, वहीं दूसरी ओर पुरानी ऑगर मशीन को भी चलाने की तैयारी चल रही है। शुक्रवार को मशीन में कंपन आने के कारण उसे बंद कर दिया गया था। लेकिन शनिवार को मशीन पर दबाव बनाने के लिए बड़े-बड़े बोल्डर मंगाए हैं। रविवार को इस पर भी ड्रिलिंग शुरू हो सकती है।
आधुनिक तकनीक की मदद रहे हैं : सीएम धामी
श्रमिकों को निकालने के लिए दुनिया में खोजी गई आधुनिक तकनीक की मदद ली जा रही है। हम जल्द उन्हें निकाल लेंगे। मैं खुद मौके पर जा रहा हूं। - पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
संसाधनों की कमी नहीं सभी विकल्प तलाश रहे
मजदूरों को बचाने के लिए हम सभी विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। हमारे पास संसाधनों, विकल्पों और तौरतरीके की कमी नहीं है। वर्टिकल ड्रिलिंग का विकल्प भी खुला है। हम विदेशी सलाहकारों की मदद ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश है इस अभियान को जितना जल्दी हो सके पूरा करना है। - भास्कर खुल्बे, पीएमओ के पूर्व सलाहकार