रक्षाबंधन 2023: भाई की कलाई पर कब बांधें राखी...30 या 31 को लेकर है दुविधा तो यहां मिलेगा हर सवाल का जवाब

Update: 2023-08-16 08:07 GMT

हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का त्यौहार बहुत खास माना जाता है। हर साल यह त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और खुशियों की कामना करती हैं। साथ ही भाई भी बहन को उपहार देते समय उसकी सदैव रक्षा का वचन लेता है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। डॉ. आचार्य सुशांत राज ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन का त्योहार दो दिन 30 और 31 अगस्त को मनाया जायेगा. वैदिक ज्योतिष के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि और दोपहर के समय मनाना शुभ होता है, लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल न हो। .


30 को पूरे दिन भद्रा का छाया रहेगा

रक्षाबंधन के दिन यदि भद्रा का साया हो तो भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधनी चाहिए। हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार, इस साल 30 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा तिथि के साथ भद्राकाल शुरू होगा. 30 अगस्त को सुबह 09.02 मिनट तक भद्रा रहेगी. शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल में रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जाता है।

हमेशा भद्रा रहित काल में राखी बांधना शुभ माना गया है। वहीं श्रावण पूर्णिमा तिथि पर राखी बांधने के लिए दोपहर का समय सबसे शुभ समय होता है. लेकिन इस साल रक्षाबंधन पर्व की श्रावण पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त से शुरू हो रही है और पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा।

31 तारीख को सुबह जल्दी राखी बांधना शुभ है

इस तरह 30 अगस्त को दिन में रक्षाबंधन का कोई शुभ मुहूर्त नहीं रहेगा। 30 अगस्त को सुबह 09.02 मिनट तक भद्रा रहेगी. ऐसे में 30 अगस्त को सुबह 09.02 मिनट के बाद राखी बांधी जा सकती है. रात के समय राखी बांधना शुभ नहीं होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा की तिथि शाम 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी और इस दौरान भद्रा का साया नहीं रहेगा. इस कारण 31 अगस्त को सुबह-सुबह राखी बांधना शुभ रहेगा।

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