नूंह में दलित महिलाओं पर पथराव के विरोध में लोगों का प्रदर्शन, एफआईआर दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस
डीएसपी नूंह वीरेंद्र सिंह ने बताया कि हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच चल रही है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नूंह में गुरुवार देर शाम कुआं पूजन करके आ रही दलित महिलाओं पर कुछ शरारती तत्वों द्वारा पथराव करने का मामला सामने आया है। इसमें कई महिलाओं के घायल होने की सूचना है। मामला दो समुदायों में होने के कारण तुरंत पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने मामले को शांत करने की कोशिश की। पथराव की घटना के विरोध में शुक्रवा को लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस ने लोगों को शांत कराया।
डीएसपी नूंह वीरेंद्र सिंह ने बताया कि हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच चल रही है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यहां के लोगों ने घटना की जांच की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है और हमने पहले ही इसकी शुरुआत कर दी है। लोग इस पर सहमत हो गए हैं। मैं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।
गुरुवार को पीड़ित परिवार व शहर के कुछ लोगों द्वारा इस घटना का पुरजोर विरोध किया गया। कुछ लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क को जाम कर दिया। इसी दौरान बड़े मदरसे के मुफ्ती जाहिद भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया। मामला बढ़ता देख खुद पुलिस कप्तान नरेंद्र बिजारनिया घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस ने वहां जमा भीड़ को खदेड़ दिया। पुलिस कप्तान ने साफ कहा कि इस मामले में जो भी दोषी है, उसको किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक वार्ड नंबर 10 के निवासी दयाराम के बेटे दीपू को पुत्र प्राप्ति हुई थी। हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक घर व आसपास की कुछ महिलाएं कैलाश मंदिर पर कुआं पूजन के लिए जा रही थीं। जाते समय उन पर किसी ने एक-दो पत्थर फेंक दिए। इसे अनदेखा करते हुए महिलाएं कुआं पूजन करने चली गईं। आरोप है कि आते वक्त शहर के बड़े मदरसे से उन पर फिर कुछ शरारती तत्वों ने पत्थर फेंके। इसमें कई महिलाओं को चोट आई।
मामला दो समुदायों का होने के कारण सूचना आग की तरह फैल गई। थोड़ी देर में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। कुछ लोगों ने मौके पर आकर पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कप्तान ने भी तुरंत मोर्चा संभाला।