आईडीपीएल कॉलोनी के लोगों ने वन रेंज कार्यालय का किया घेराव
आईडीपीएल आवासीय कॉलोनी को खाली कराने के विरोध में स्थानीय लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है. मकान खाली कराने के विरोध में लोगों ने शुक्रवार को प्रगति विहार स्थित वन रेंज कार्यालय का घेराव किया। कॉलोनीवासियों ने रेंज कार्यालय के मुख्य गेट पर वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। कालोनी के लोगों ने वन क्षेत्राधिकारी के माध्यम से डीएफओ देहरादून को ज्ञापन भी भेजा।दरअसल, 19 जुलाई को आईडीपीएल कॉलोनी की 833.53 एकड़ जमीन की लीज समाप्त हो गई है. इसको लेकर डीएम देहरादून सोनिका ने अधिकारियों को यह जमीन राज्य सरकार के कब्जे में देने के निर्देश दिये थे. इसके बाद से आईडीपीएल के लोगों में काफी आक्रोश है. शुक्रवार को कॉलोनीवासियों ने डीएफओ को भेजे ज्ञापन में कहा कि आईडीपीएल भारत सरकार का उपक्रम है। इसलिए बिना नो ड्यूज और अनापत्ति रिपोर्ट के आईडीपीएल परिसर और कॉलोनी पर कब्जा लेने की कार्रवाई नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि आईडीपीएल को अभी तक बंद नहीं किया गया है और न ही रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने वन विभाग को इसका कब्जा दिया है. कॉलोनी वासियों ने कहा कि प्रशासन को पहले कब्जा लेने का गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित कर मालिकाना हक की जानकारी देनी होगी। कहा कि वन भूमि में गैर वानिकी कार्य नहीं किये जा सकते हैं. कॉलोनी वासियों का आरोप है कि क्षेत्र में वन विभाग की कॉलोनी को बेदखल करने से कई बुजुर्ग मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो गए हैं. कॉलोनी के हर घर में दहशत पैदा हो गई है. लोगों ने चेतावनी दी कि कॉलोनी खाली कराने की स्थिति में आईडीपीएल के लोगों की जान-माल की क्षति की सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. इस अवसर पर संदीप कुमार, सुनील कुटलहरिया, रामेश्वरी चौहान, रूपिन्द्र कौर, सूरज कुकरेती, साजन शर्मा, यशवन्त रावत, शीला देवी आदि उपस्थित थे।
कल से कॉलोनी को खाली कराने में तेजी आएगी
प्रशासन आईडीपीएल कॉलोनी को खाली कराने के लिए रविवार से कार्रवाई तेज करेगा। प्रशासन अब तक करीब 50 मकान खाली करा चुका है. पहले चरण में 1500 में से 227 मकानों को खाली कराया जाना है. बताया जा रहा है कि अब तक आईडीपीएल कॉलोनी में रहने वाले लोग प्रशासन की ओर से की जा रही कार्रवाई का विरोध करते रहे हैं, लेकिन 23 जुलाई से प्रशासन पूरी तैयारी और सख्ती के साथ मकान खाली कराएगा. अब तक पुलिस कर्मियों और बीआरओ कर्मचारियों और बैंक कर्मचारियों के आवास खाली कराए जा चुके हैं. आवासीय कॉलोनी खाली कराने के बाद एम्स को 200 एकड़ जमीन दी जाएगी.|