उत्तराखंड में स्तिथ कार्तिक स्वामी मंदिर जल्द राेपवे से जुड़ेगा

Update: 2023-08-21 11:14 GMT

उत्तराखंड में स्तिथ कार्तिक स्वामी मंदिर जल्द राेपवे से जुड़ेगा।

उत्तर भारत में भगवान कार्तिकेय का एकमात्र मंदिरजिसे कार्तिक स्वामी कहा जाता है जो रुद्र्रयाग जनपद के क्रौंच पर्वत पर मौजूद है । इस मंदिर तक श्रद्धालुओं को आसानी से पहुंचने के लिए लिए इसे रोपवे से जो़ड़ा जाएगा। मंदिर के बेस प्वाइंट कनकचौरी से कार्तिक स्वामी तक 1.4 किमी लंबा रोपवे बनेगा, जिसके लिए प्री-फिजिबिलटी जाँच भी हो चुका है। अधिकारियों के अनुसार आने वाले सितंबर तक रोपवे निर्माण की अंतिम DPR भी बन जाएगी।

जनपद चमोली और रुद्रप्रयाग के 360 से ज्यादा गांवों के आराध्य के रूप में पूजनीय भगवान कार्तिकेय के दर्शनों के लिए साल भर श्रद्धा रखनेवाले कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कनचौरी से लगभग 4 किमी की चढ़ाई तय करनी होती है। लेकिन अब, मंदिर को रोपवे से जोड़ने की कार्ययोजना बन चुकी है।

इसके तहत पर्यटन विभाग द्वारा कनकचौरी से मंदिर क्षेत्र तक शुरुआती चरण में प्री-फिजिबिलटी सर्वेक्षण किया जा चुका है। सर्वेक्षण की रिपोर्ट भी रोपवे बनाने के लिए सही पाई गई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर अंतिम DPR बनाई जा रही है, जिसे सिंतबर तक पूरा कर दिया जाएगा। रोपवे के लिए वन विभाग से भूमि उपलब्धि , पेड़ों की गिनती, छपान व अन्य कार्रवाई समय से पूरी की जाएंगी।

कनकचौरी से मंदिर तक बनने वाले रोपवे की लंबाई 1.4km होगी। रोपवे बनने से कनकचौरी से 10 मिनट में ही कार्तिक स्वामी पहुंचा जा सकेगा।

रिपोर्ट के आधार पर डीपीआर बनाई जा रही है, जिसे आगामी सितंबर माह तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इधर, कार्तिक स्वामी मंदिर समिति के अध्यक्ष शत्रुघन सिंह नेगी ने बताया कि मंदिर तक सुविधाएं उपलब्ध होने से यात्रा के साथ रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

सड़क भी हो चुकी स्वीकृत

भगवान कार्तिकेय के मंदिर कार्तिक स्वामी की यात्रा को सरल सुलभ बनाने के लिए चंद्रापुरी-बाजबड्डू-कार्तिक स्वामी 10 किमी सड़क भी मंजूरी मिल चुकी है। लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ डिवीजन द्वारा जल्द ही मार्ग का परीक्षण किया जाएगा। लोनिवि के ईई मनोज भट्ट ने बताया कि मार्ग के प्रथम चरण की स्वीकृति मिली है। 

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