नवोदय विद्यालय कैडर प्रस्ताव तैयार करने में लग गए डेढ़ साल, भर्ती का पता नहीं

Update: 2023-09-25 07:39 GMT

प्रदेश के राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों के लिए अगल से सेवा सिद्धांत बननी है। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने डेढ़ साल पहले दावा किया था कि अगले 2 महीने के भीतर नियमावली अस्तित्व में आ जाएगी, लेकिन अब जाकर इसका संविद तैयार हुआ है। ऐसे में इन विद्यालयों के लिए शिक्षकों की सीधी भर्ती कब शुरू होगी,इसका कुछ पता नहीं

राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों के पद प्रणीत हैं, लेकिन इन पदों पर सीधी भर्ती से स्थायी शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पा रही है। नवोदय विद्यालय कैडर के अनुसार, हर स्कूल में 20 से 22 शिक्षकों के पद हैं। इसके अलावा हर स्कूल में तीन मिनिस्टीरियल संवर्ग, दो वार्डन, प्रधानाचार्य और उप प्रधानाचार्य का एक-एक पद हैं, जबकि अन्य आउटसोर्स के पद हैं।

वर्ष 2014-15 में इन पदों के प्रणीत होने के बाद 2016 में शासन ने आदेश किया कि जब तक सीधी भर्ती से शिक्षकों के पद नहीं भरे जाते, इन पदों पर शिष्टमण्डल से शिक्षकों की तैनाती की जाए। 2016 में तीन साल के लिए उत्तराखंड बोर्ड के सरकारी स्कूलों से शिष्टमण्डल पर शिक्षकों की तैनाती की गई, लेकिन 2021 में शिष्टमण्डल को पांच साल पूरे होने के बावजूद इसे दो साल और बढ़ा दिया गया।

सीधी भर्ती से शिक्षकों की हो सकेगी तैनाती

इस साल इन पदों पर शिक्षकों की शिष्टमण्डल को सात साल हो चुके हैं, जो वित्तीय नियमों का भी तिरस्कार हैं, लेकिन शिक्षकों की शिष्टमण्डल को सात साल होने और विभागीय मंत्री के निर्देश के बाद भी विभाग, शिक्षकों के लिए अलग सेवा नियमावली लागू नहीं हो पाई है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी के मुताबिक, राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों के पद सृजित हैं। बताया, इन पदों पर पदासीन के लिए अलग से सेवा नियमावली बननी है। विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा। इसे मंजूरी मिलने पर सीधी भर्ती से शिक्षकों की तैनाती हो सकेगी।

शिष्टमण्डल से विभाग मेें हो रही शिक्षकों की कमी

माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी के मुताबिक, राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में शिक्षा विभाग से शिक्षक शिष्टमण्डल पर हैं। इससे हो यह रहा है कि इन विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती से शिक्षा विभाग में शिक्षकों की कमी की दिक्कते पैदा हो रही है। परेशानी का स्थायी समाधान न होने तक इन विद्यालयों में डीएम की संचालक में गठित समिति की ओर से अतिथि शिक्षकों की तैनाती की जा रही है। इसके अलावा शिष्टमण्डल पर भी शिक्षकों को रखा जाएगा।

स्कूल खोल दिए, न भवन हैं और न ही शिक्षक

प्रदेश के राजीव गांधी नवोदय विद्यालय सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध हैं। इन विद्यालयों में न तो स्थायी शिक्षकों की तैनाती हुई है और न ही कई स्कूलों के पास अपने भवन हैं। रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, उत्तरकाशी सहित कई स्कूल अस्थायी भवन में चल रहे हैं। 

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