नो एंट्री में चाय बांटने भेजे मासूम बच्चे...बुर्का पहने महिलाओं को रोका, मिन्नतें करती रहीं

Update: 2024-02-12 07:01 GMT

हल्द्वानी तिकोनिया चौराहे से नैनीताल रोड होते हुए तीनपानी से गौला बाईपास रोड तक कर्फ्यू लगा है। यहां पूरी तरह से जीरो जोन बनाया गया है। बनभूलपुरा को जाने वाले रास्ते को ताज चौराहे के पास बेरिकेड डालकर बंद कर दिया गया है।

ताज चौराहे पर ही सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। रविवार की दोपहर करीब 1:45 बजे बाजार क्षेत्र के चार-पांच बच्चे चाय लेकर बेरिकेड के पास पहुंचे। वहां से सीधे बनभूलपुरा थाने को जाने वाली सड़क पर जाने लगे। इस दौरान न तो किसीने उन्हें रोका और ना ही वापस भेजने की जहमत उठाई। 

परिवार को रोका, कागज देखे

दोपहर करीब दो बजे बाजार की ओर से एक स्कूटी में एक बुजुर्ग दंपती बनभूलपुरा की ओर आए। बेरिकेड पर पुलिस ने उनको रोक दिया और कागज जांचने लगे। इस पर दंपती ने दवाई लाने का पर्चा पुलिस को दिखाया। इसके बाद उनको वहां से जाने दिया गया। 

अंदर से आ रहीं महिलाओं को वापस भेजा

दोपहर में बुर्का पहने हुए महिलाएं बनभूलपुरा थाने के सामने से होते हुए बाजार की ओर आने लगी थी। उनके हाथ में अस्पताल का पर्चा भी नजर आ रहा था, मगर थाने से कुछ आगे आते ही एक पुलिसकर्मी ने उनको रोक दिया। उनका कागज देखा। इस दौरान महिलाएं मिन्नतें करती हुई नजर आईं मगर इसके बाद महिलाओं को वहां से वापस भेज दिया गया। 

सड़क पर ईंट और पत्थर, जली हुई जेसीबी और वाहन, घरों के बंद दरवाजे, इन बंद घरों की दरख्तों से झांकते बच्चे, सामान लेकर पैदल ही गलियों से निकलते लोग...कुछ ऐसा नजारा है बनभूलपुरा के मलिक का बगीचा क्षेत्र का। यह बेबसी हिंसा और दहशत के मंजर को बयां कर रही है। सुनसान सड़कों पर जले हुए वाहनों के अवशेष आग की भयावहता को बता रहे हैं। 

रविवार की सुबह नमरा मस्जिद के पास कब्रिस्तान से लगी सड़क से होते हुए मलिक के बगीचे तक पहुंचे तो तबाही का मंजर नजर आया। हर तरफ सन्नाटा पसरा था। आधे-अधूरे ढंग से ढहाए गए अतिक्रमण के पत्थर बिखरे हुए थे। मलिक का बगीचे के पास से गोपाल मंदिर को जाने वाले रास्ते में जहां-तहां जली हुईं गाड़ियां नजर आई। अतिक्रमण तोड़ने गई तीन जेसीबी मशीनें जली हुई थीं।

 एक पिकअप वाहन पलटा हुआ था। उसमें भी तोड़फोड़ की गई थी। इसके पीछे खड़ा एक मालवाहक छोटा वाहन पूरी तरह से जला पड़ा था। यहां एक दुकान में आग की भयावह के निशान जरूर थे। शटर टूटा और मुड़ा हुआ था। शटर और मकान में लगी कालिख आग के निशान बता रही थी। पुलिस के बेरिकेडिंग जहां-तहां पड़े थे। कई चार पहिया और दो पहिया वाहनों का जला हुआ अवशेष पड़ा था। इससे आगे नगर निगम का ट्रैक्टर और उसके पास एक कार जली हुई थी।

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