हेमकुंड साहिब यात्रा: 11 अक्टूबर को बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, अब तक पहुंचे दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु

Update: 2023-08-28 11:30 GMT

सिखों के प्रमुख तीर्थ विश्व प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब के कपाट इस वर्ष शीतकाल के लिए 11 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे बंद कर दिए जाएंगे। गुरुद्वारा हेमकुंड ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि इस साल 20 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे. अब तक दो लाख 27 हजार 500 श्रद्धालु हेमकुंड गुरुद्वारे में दर्शन कर चुके हैं.आपको बता दें कि इस वर्ष कपाट खुलने के समय से ही हेमकुंड में भारी बर्फबारी हुई थी. वहीं, सेना के जवानों ने बर्फ के बीच से भक्तों के लिए रास्ता बनाया था. जिसके बाद से अब तक वहां का मौसम खराब चल रहा है। हालांकि यहां बर्फ जमा नहीं हुई है, लेकिन बारिश का दौर जारी है.


हेली सेवा शुरू

नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि बारिश कम होने के बाद अब गोविंदघाट से घांघरिया तक एक बार फिर हेली सेवा शुरू हो गई है. तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गुरुद्वारा कमेटी रुद्रप्रयाग में गुरुद्वारा और धर्मशाला का निर्माण कर रही है, ताकि हेमकुंड साहिब आने वाले तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी न हो.


यात्रा मार्ग पर खिले ब्रह्मकमल आकर्षण का केंद्र बने

हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर इन दिनों ब्रह्मकमल खिला हुआ है. ये फूल हेमकुंड जाने वाले यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. राज्य पुष्प ब्रह्मकमल 13 हजार फीट की ऊंचाई पर खिलता है। इन दिनों हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी से हेमकुंड साहिब तक विभिन्न स्थानों पर ब्रह्मकमल खिले हुए हैं। यहां आने वाले यात्री इन फूलों को देखकर उत्साहित नजर आते हैं। ब्रह्मकमल के खिलने का यह सबसे अनुकूल समय होता है। ब्रह्मकमल, जो जुलाई और सितंबर के बीच खिलता है, धार्मिक महत्व का फूल है। नंदा अष्टमी मेले के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र से ब्रह्मकमल लाया जाता है और नंदा को अर्पित किया जाता है। हेमकुंड यात्रा मार्ग पर ब्रह्मकमल के साथ-साथ अन्य प्रजातियों के फूल भी खिले हुए हैं, जिससे पूरे क्षेत्र की खूबसूरती और भी निखर रही है। 

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