ग़ाज़ीपुर: सिद्धपीठ हथियाराम मठ पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत, मां बुढ़िया माई के दरबार में टेका माथा

Update: 2023-07-19 13:00 GMT

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत बुधवार को ग़ाज़ीपुर पहुंचे. लगातार दूसरे वर्ष जखनियां स्थित सिद्धपीठ हथियाराम मठ में चल रहे चातुर्मास अनुष्ठान में शामिल हुए। मोहन भागवत यहां आध्यात्मिक ऊर्जा पाने के लिए 24 घंटे रुकेंगे. पहले दिन उन्होंने देवी बुढ़िया माई, सिद्धिदात्री माता की पूजा के बाद ज्योतिर्लिंग का दर्शन करते हुए रुद्राभिषेक किया. गुरुवार को मोहन भागवत मंगल भवन के पास नवग्रह वाटिका की स्थापना करेंगे. इसके बाद मिर्ज़ापुर के लिए रवाना होंगे.संघ प्रमुख मोहन भागवत सुबह 11:03 बजे वाराणसी से सैदपुर होते हुए सिद्ध पीठ हथियाराम मठ के मुख्य द्वार पर पहुंचे। संघ प्रमुख ने सुबह 11:35 बजे से दोपहर 12:40 बजे तक बुढ़िया माई और दोपहर 12:05 बजे से 12:15 बजे तक सिद्धिदात्री माता की पूजा की. इसके बाद कैलाश भवन में महांडलेश्वर एवं अन्य संभ्रांत लोगों से मुलाकात की। इस दौरान आध्यात्मिक चर्चा भी हुई.

गुलाब की पंखुडियों से स्वागत

संघ प्रमुख मोहन भागवत का सिद्ध पीठ हथियाराम मठ में भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया गया. मुख्य द्वार पर पहुंचते ही फूलों की वर्षा हुई। महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति ने पुष्प गुच्छ प्रदान किया। लोग मोहन भागवत की एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे. इसके चलते लोगों में धक्का-मुक्की भी हो गई।

पहले रोका, फिर उपराज्यपाल का बेटा अंदर चला गया

संघ प्रमुख की सुरक्षा में गाजीपुर और आसपास के छह जिलों में करीब 1200 पुलिस, पीएसी और विशेष बल तैनात किये गये हैं. संघ प्रमुख दोपहर करीब ढाई बजे भोजन आवास पहुंचे। जहां जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह के साथ संघ प्रचारक और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बेटे अभिनव सिन्हा भी अंदर जाने लगे. इस दौरान एसपीजी जवानों ने उन्हें रोका. हालांकि करीब 20 मिनट बाद ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि संतोष यादव अभिनव को अंदर ले गये।

मंदिर प्रमुखों के महासम्मेलन का उद्घाटन संघ प्रमुख करेंगे

मोहन भागवत संतों का सानिध्य पाने के लिए पांच दिवसीय काशी दौरे पर मंगलवार शाम वाराणसी पहुंचे हैं. अपने दौरे के आखिरी दिन 22 जुलाई को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर सिगरा में आयोजित तीन दिवसीय मंदिर प्रमुख महासम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. इसमें दुनिया भर के 25 देशों के मंदिरों के प्रतिनिधि, महंत और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल होंगे।

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