देश के सबसे युवा आईजी बने अरुण मोहन जोशी, सफलता के लिए प्रेरित करती हैं इनकी कहानी

Update: 2024-01-03 08:15 GMT

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईपीएस अरुण मोहन जोशी को आईजी के बैच पहनाए। जोशी 23 साल की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के आईपीएस बने थे 

आईपीएस अरुण मोहन जोशी नए साल के पहले दिन देश के सबसे कम उम्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) बन गए हैं। उन्हें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने हाथों से आईजी के बैच पहनाए। देहरादून के चकराता निवासी अरुण मोहन जोशी की पढ़ाई देहरादून और हरिद्वार में हुई। 

बचपन में माता के निधन के बाद अफसर पिता ने उनकी परवरिश की। यहां मिले संस्कार और शिक्षा को वह आज भी आत्मसात किए हुए हैं। आईआईटी से इंजीनियरिंग करने के बाद अरुण मोहन जोशी केवल 23 साल की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के आईपीएस बने थे। पहले ही प्रयास में सफलता पाने के बाद उन्होंने प्रदेश के कई जिलों में कप्तान के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

40 वर्ष की उम्र में बने आईजी

देहरादून में उनका कार्यकाल बेहद सफल रहा। अब वह नए साल के पहले दिन केवल 40 वर्ष की उम्र में आईजी बने हैं। गौरतलब है कि पिछले माह 22 दिसंबर को उत्तराखंड सचिवालय में मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन की अध्यक्षता में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की डीपीसी सम्पन्न हुई थी। डीपीसी में वर्ष 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी पुलिस उप महानिरीक्षक स्वीटी अग्रवाल, अरुण मोहन जोशी, अनंत शंकर ताकवाले तथा राजीव स्वरूप को 01 जनवरी 2024 से पुलिस महानिरीक्षक पद पर पदोन्नति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। 

स्वीटी अग्रवाल के प्रतिनियुक्ति पर होने के कारण उन्हें परफॉर्मा पदोन्नति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा वर्ष 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी पुलिस अधीक्षक सुखबीर सिंह को दिनांक 01 जनवरी 2024 से पुलिस उप महानिरीक्षक पद पर पदोन्नति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। जबकि वर्ष 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार तथा धीरेंद्र गुंज्याल को दिनांक 01 जनवरी 2024 से सेलेक्शन ग्रेड प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

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