डॉ. एसएस संधु ने राज्य सचिवालय में जोशीमठ में आपदा जोखिम न्यूनीकरण से संबंधित होने वाले कार्यों की समीक्षा की
भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ शहर को संवारने की कवायद शुरू हो गई है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने अधिकारियों को शहर में ढलान स्थिरीकरण, पेयजल, सीवरेज और जल निकासी के कार्यों की डीपीआर जल्द तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
वह राज्य सचिवालय में जोशीमठ में आपदा जोखिम न्यूनीकरण से संबंधित होने वाले कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने डीपीआर तैयार करने से लेकर योजनाओं पर काम पूरा होने तक प्रत्येक कार्य की समय-सीमा निर्धारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, सभी कार्य समय से पूरे हो जाएं, इसके लिए संबंधित विभागों के सचिव साप्ताहिक समीक्षा और निगरानी करेंगे।
कहा, वह स्वयं भी 15 दिन में कार्यों की प्रगति की जानकारी लेंगे। इस मौके पर सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा एवं डॉ. पंकज कुमार पांडेय सहित अन्य उच्चाधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चमोली के जिलाधिकारी उपस्थित थे।
भवनों की रेट्रोफिटिंग के लिए सबसे अच्छे कंसल्टेंट रखें
मुख्य सचिव ने कहा, जोशीमठ क्षेत्र में भवनों व अन्य की रेट्रोफिटिंग का कार्य करने के लिए देश के सबसे अच्छे कंसल्टेंट और विशेषज्ञों को शामिल किया जाए। कहा, कार्यों को तेजी से पूरा करने के साथ ही गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।
मजबूत रोपवे सिस्टम के लिए बनेगा प्रकोष्ठ
कहा, प्रदेश सरकार रोपवे कनेक्टिविटी को बढ़ा दे रही है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश में रोपवे प्रकोष्ठ विकसित करने के निर्देश दिए। कहा, प्रदेश में रोपवे सिस्टम को मजबूत करने के लिए रोपवे सेल को मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने औली रोपवे में कराए जाने वाले कार्यों की भी समीक्षा की।