बागेश्वर समाचार: बागेश्वर के इस गांव में धंस रही जमीन, ग्रामीणों ने दूसरे गांव में बसाने की मांग की
उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन से लोगों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। जोशीमठ के मकानों में आई दरारों ने प्रशासन एवं आम जनता का ध्यान आकर्षित किया। हालांकि, जोशीमठ ही नहीं, उत्तराखंड में कई ऐसे गांव हैं जो खतरे में हैं. इन्हीं में से एक है कपकोट नगर पंचायत का वार्ड नंबर पांच लीमा।कपकोट नगर पंचायत के वार्ड संख्या पांच लीमा की भूमि धंस रही है। चार हेक्टेयर भूमि को भारी क्षति पहुंची है. लोगों में डर है. उन्होंने अन्यत्र बसने की मांग की है. लोगों ने किसी बड़ी आपदा की आशंका को देखते हुए यहां से विस्थापन की मांग की है.
बारिश की वजह से जमीन धंस रही है
गुरुवार को नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद ऐठानी अनुसूचित जाति बहुल गांव लीमा पहुंचे। नागरिकों ने बताया कि बारिश से उनकी जमीन धंस रही है. भूस्खलन से मकानों को भी खतरा है. उपजिलाधिकारी ने आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक भूगर्भीय जांच नहीं कराई गई। लोगों ने बताया कि नापी जमीन धंसने से उनके खेत-खलिहान भी दबने लगे हैं. लोग अब नेली गांव में बसने की मांग करने लगे।
ग्रामीण पूरी रात सो नहीं पा रहे हैं
यहां के लोगों ने बताया कि लगातार जमीन धंसने से लोग भयभीत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरी रात उन्हें नींद भी नहीं आ रही है. प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत है, लेकिन जमीन धंसने के कारण वह भी नहीं बनेगा. ग्रामीण लाभ से वंचित हो रहे हैं। यहां के लोगों ने बड़ी घटना से पहले जिला प्रशासन से उन्हें कहीं और बसाने की मांग की.
ग्रामीणों ने की मांग, मिला आश्वासन!
ग्रामीण ललित आगरी, विनोद आगरी, रोहित, हरीश राम, रमेश राम, दीवान राम, मादो राम, शोभा आगरी, अंजली देवी, कमला देवी, विमला आगरी ने कहा कि सबसे अधिक नुकसान उन्हें हुआ है। नगर पंचायत अध्यक्ष ने प्रभावितों की मांगों को जिला प्रशासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया. इस दौरान सभासद हेमा देवी, दीपक ऐठानी, प्रवीण ऐठानी आदि मौजूद रहे।