चीन सीमा पर सेना की अग्रिम चौकियां अब बिजली से होंगी जगमग...जानिए क्या है सरकार का लक्ष्य
चमोली जिले के नीती व माणा घाटी के अंतिम गांवों को वाइब्रेंट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने ऊर्जा निगम के यहां बिजली के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।अब यहां माणा पास, घस्तोली, रत्ताकोणा, सुमना, रिमखिम, लपथल, गैलडूंग चौकियों तक बिजली पहुंच सकेगी।
चमोली जिले से लगे चीन सीमा क्षेत्र की अग्रिम चौकियां जल्द बिजली की रोशनी से जगमगाएंगीं। ऊर्जा निगम की ओर से अग्रिम चौकियों तक बिजली पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था जिसे मंजूरी मिल गई है। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने वर्ष 2025 तक सीमा क्षेत्र की चौकियों तक बिजली पहुंचाने का दावा किया है।
केंद्र सरकार की ओर से सीमा क्षेत्रों को बिजली, सड़क व अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर दिया जा रहा है। चमोली जिले के नीती व माणा घाटी के अंतिम गांवों को वाइब्रेंट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है जबकि सीमा पर स्थित सेना व आईटीबीपी की अग्रिम चौकियों को भी सुविधाओं से लैस करने की योजना पर काम चल रहा है।
बिजली पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा
इसी के तहत संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) से अग्रिम चौकियों को बिजली से जोड़ने का काम चल रहा है। चमोली के ऊर्जा निगम की ओर से बीते अक्तूबर माह में नीती व माणा घाटी में स्थित सेना व आईटीबीपी की अग्रिम चौकियों तक बिजली पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था।
ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता अमित सक्सेना ने बताया कि अग्रिम चौकियों तक बिजली पहुंचाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। बजट मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। चीन सीमा क्षेत्र के माणा पास, घस्तोली, रत्ताकोणा, सुमना, रिमखिम, लपथल और गैलडूंग चौकियों तक बिजली पहुंचाई जाएगी। संवाद