Almora News: रोडवेज बस का स्टीयरिंग फेल, बाल-बाल बचे 20 लोग

Update: 2023-07-29 08:30 GMT

पर्वतीय क्षेत्रों की खतरनाक सड़कों पर रोडवेज बसें यात्रियों को धोखा दे रही हैं। अल्मोडा-पिथौरागढ़ हाईवे पर रोडवेज बस का स्टेयरिंग फेल हो गया और चालक ने किसी तरह बस को नियंत्रित किया और लोहे के डिवाइडर से जा टकराई, जिससे वह खाई में गिरने से बच गई. स्टेयरिंग फेल होने के बाद बस असंतुलित होने से बस में सवार 18 यात्रियों सहित चालक-परिचालक बाल-बाल बच गए। बाद में यात्रियों को दूसरी बस से गंतव्य तक भेजा गया।

शुक्रवार की सुबह पिथौरागढ़ डिपो की बस दिल्ली से वापस आ रही थी। बस में 18 यात्री थे। अल्मोडा से निकलने के एक घंटे बाद हाइवे पर आरतोला और पनुवानौला के बीच अचानक बस का स्टेयरिंग फेल हो गया और वह अनियंत्रित होने लगी। ऐसे में यात्रियों की सांसें अटक गईं और वे चिल्लाने लगे.

चालक ने अनियंत्रित बस को किसी तरह सड़क किनारे डिवाइडर से टकराकर रोका। बस रुकते ही सभी डरे हुए यात्री बस से उतर गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर बस डिवाइडर से नहीं रुकती तो बड़ा हादसा हो सकता था। बताया कि घटनास्थल के पास तीन सौ मीटर गहरी खाई है।

इसके बाद बस में सवार लोग दूसरी बस का इंतजार करते रहे। करीब एक घंटे बाद पिथौरागढ़ डिपो की बस मौके पर पहुंची और उसमें यात्रियों को भेजा गया। दो घंटे बाद अल्मोडा डिपो से मैकेनिक भेजकर खराबी दूर कर बस को पिथौरागढ़ रवाना किया गया।

पनुवानौला से आरतोला के बीच हाईवे की हालत खस्ता है

अल्मोडा. अल्मोडा-पिथौरागढ़ हाईवे पर पनुवानौला से आरतोला के बीच सड़क की हालत खस्ता है। इस दायरे में सड़क गड्ढों से भरी है, जिससे दुर्घटना का खतरा रहता है। हाईवे के ठीक ऊपर कोटली गांव को जोड़ने के लिए सड़क को काट दिया गया है। बारिश में इस सड़क का मलबा हाईवे तक पहुंचने से कलमठ और नाले बंद हो गए हैं, जिससे सड़क की हालत लगातार खराब होती जा रही है।

छह माह में सात बसों ने दिया धोखा

अल्मोडा. इस साल अब तक जिले में सात माह में सात बसें लोगों को धोखा दे चुकी हैं। इनमें से एक बस का स्टीयरिंग और एक का ब्रेक फेल हो गया। ड्राइवरों ने सूझबूझ दिखाई और बस को पहाड़ी से टकराते समय रोक लिया, तब जाकर यात्री सुरक्षित बच सके। वहीं, पांच बसों में तकनीकी खराबी आने से यात्रियों को टैक्सी और केमू बस से गंतव्य के लिए रवाना होना पड़ा।

अधिकतर बसें अपनी उम्र पार करने की कगार पर हैं

अल्मोडा. वर्ष 2015 में अधिकांश बसें पर्वतीय जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत में संचालित करने के लिए खरीदी गईं। इनमें से अधिकांश अभी अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं और पुराने हो चुके हैं। इस साल के अंत तक अल्मोड़ा जिले में संचालित 30 में से 22 बसें अपनी जीवन अवधि पार कर पहाड़ी सड़कों पर सेवा से बाहर हो जाएंगी। अन्य जिलों का भी यही हाल है. ऐसे में पुरानी बसें यात्रियों को चूना लगा रही हैं। नियमों के मुताबिक, खरीद के बाद सात साल या सात लाख किलोमीटर तक चलने वाली बस को पहाड़ी सड़कों पर संचालित नहीं किया जा सकता है।अल्मोडा डिपो के एआरएम राजेंद्र कुमार का कहना है कि स्टेयरिंग फेल होने के कारण बस डिवाइडर से टकराई। मिस्त्री को भेजकर बस को ठीक कराया गया। यात्रियों को दूसरी बस से गंतव्य के लिए रवाना किया गया।

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