चकराता के कनासर में काटे गए एक हजार से अधिक देवदार के पेड़ों के मामले में कार्रवाई होगी
पुरोला के टोंस वन भाग में वन विकास निगम को जारी किए गए लॉट की आड़ में हरे पेड़ काटने के मामले में DFO सहित 11 अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई के बाद अब चकराता के कनासर में काटे गए एक हजार से अधिक देवदार के पेड़ों के मामले में कार्रवाई होगी।
इसका संज्ञान लेते हुए धामी सरकार ने भ्रष्टता पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यह कार्रवाई की है। उत्तरकाशी में देवदार के इन पेड़ों को काटने टोंस वन प्रभाग में सांद्रा, देवता और कोटिगाड़ रेंज में किया गया।
यहां बड़ी संख्या में देवदार, स्प्रस, फर और कैल के विभिन्न व्यास वर्गों के हरे पेड़ों पर अनअनुमानित ढंग से आरियां चलाई गईं। स्थानीय लोगों की ओर से मौके का एक वीडियो जारी किए जाने और मुख्यमंत्री को शिकायत किए जाने के बाद इस मामले में प्रमुख वन रक्षक की ओर से जांच के आदेश जारी किए।
गढ़वाल चीफ के माध्यम से इस मामले की जांच वन रक्षक यमुना वृत्त डॉ. विलन भार्गव की रखवाली में SDFO मसूरी वैभव कुमार और DFO उत्तरकाशी डीपी बलूनी को सौंपी गई। दोनों अधिकारियों ने अपनी जो रिपोर्ट दी उसमें कई चौंकाने वाले सचाई सामने आए। जांच में यह बात भी सामने आई है कि जब कटान शुरू हुआ तो ठेकेदार के कर्मियों ने छपान वाले पेड़ छोड़ दिए और उनकी जगह दूसरे हरे भरे और स्वस्थ पेड़ काट दिए। स्थानीय लोगों ने इस मामले का जो वीडियो वायरल किया है, उसमें साफ देखा जा सकता है, कितनी बुरी तरह से हरे पेड़ों का क़त्ल कर दिया गया है।
एक हजार से ज्यादा पेड़ काटे गए
इधर, चकराता के कनासर रेंज में काटे गए पेड़ों के मामले में मौलिक तौर पर दोषी पाए गए एक रेंजर, वन दारोगा और वन पुलिसकर्मी को उनके पद से हटा दिया गया है। लेकिन अभी बड़े स्तर पर कार्रवाई का इंतजार है। वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि वह इस मामले में किसी जांच का आदेश दें, इससे पहले उन्हें मौलिक जांच रिपोर्ट तो मिले। डीएफओ चकराता की ओर से अभी तक प्राथमिक जांच रिपोर्ट ही वन मुख्यालय को नहीं सौंपी गई है। जबकि यह मामला टोंस वन प्रभाग में काटे गए पेड़ों से कहीं अधिक बड़ा है। यहां अभी तक जो माल बरामद हुआ है, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां करीब1 हजार से अधिक पेड़ काटे गए हैं।
108 नहीं, इससे अधिक हो सकती है काटे गए पेड़ों की संख्या
टोंस वन प्रभाग में जांच टीम ने सांद्रा, देवता और कोटिगाड़ ३ रेंज एरिया में ही जांच पड़ताल की है। सूत्रों की मानें हिसाब से यह जांच अपूर्ण है। जिस एरिया में यह पेड़ काटे गए हैं, वह सड़क मार्ग से 12 से 15 km दूर है। वहां पेड़ काटने का काम लंबे समय से किया जा रहा था। वन विभाग की टीम ने केवल तीन रेंज के कुछ ही क्षेत्रों में गश्त कर जांच पूरी कर ली। यदि इस पूरे क्षेत्र की गहनता से जांच की जाए तो काटे गए पेड़ों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।
कब होगी कार्रवाई? खुलेआम घूम रहे आरोपी ठेकेदार
सरकार ने दोषी अधिकारी-कर्मचारियों पर तो कार्रवाई कर दी है, लेकिन इस मामले में लिप्त ठेकेदार अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। ऐसे में सबकी नजरें अब इस बात पर टिकीं हैं कि सरकार आरोपी ठेकेदारों और अन्य लोगाें पर क्या कार्रवाई करती है।