क्या NDA में शामिल होंगे जयंत? सियासी गलियारों में चर्चा हुई तेज, वेस्ट यूपी की इस सीट पर फंसा पेंच

Update: 2024-02-06 06:59 GMT

इंडिया गठबंधन में सपा और रालोद के बीच सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा है। अब अखिलेश और जयंत के बीच इस सीट को लेकर बड़ा संकट आ गया है। सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि चयंत गठबंधन को छोड़ एनडीए में शामिल हो सकते हैं। 

इंडिया गठबंधन में शामिल सपा और रालोद के बीच एक सीट को लेकर बात बनती नहीं दिख रही है। पश्चिमी यूपी की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है। अभी इस सीट पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। अब चर्चा यह भी चल रही है कि सीटों को लेकर चल रहे विवाद को छोड़ जयंत एनडीए में भी जा सकते हैं। 

सूत्रों के अनुसार, सपा ने कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में प्रत्याशी अपना और निशान रालोद का रहने की शर्त रखी है। रालोद कैराना और बिजनौर पर तो राजी है, लेकिन मुजफ्फरनगर पर पेंच फंस गया। रालोद ने ऐसी स्थिति में अपने हिस्से की सीटें बढ़ाने की बात रखी हैं।

रालोद के मुजफ्फरनगर न छोड़ने के वाजिब कारण भी हैं। यहां से पिछला चुनाव चौधरी अजित सिंह मात्र साढ़े छह हजार वोटों से भाजपा के डॉ. संजीव बालियान से हारे थे। इस लोस सीट के अंतर्गत आने वाली पांच विधासनभा सीटों में से दो बुढ़ाना और खतौली पर रालोद का कब्जा है।

खतौली सीट रालोद ने उपचुनाव में जीती थी। उधर, कांग्रेस और सपा के बीच भी बात बनती नहीं दिख रही। कांग्रेस 11 सीटों से संतुष्ट नहीं है। 

राजनीतिक गलियारों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के उदाहरण देकर चर्चा गरम है कि सियासत में कभी भी कुछ भी हो सकता है। बता दें कि इससे पहले चार फरवरी को मथुरा में रालोद का युवा संसद कार्यक्रम भी खराब मौसम का कारण बताकर स्थगित कर दिया गया था।

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