जिसके युवा ...उसकी सरकार; भाग्य विधाता की भूमिका में होंगे देश के नौजवान
गुरु आज भात-दाल ही बनाए हैं...। तनिक दो ठू टमाटर मिल जाय तो चोखा बना लें...। तनिक जुबान का टेस्ट बदल जाएगा...। कभी प्रयागराज की गलियों में जाइए। ये सब सुनने को मिल जाएगा। यूनिवर्सिटी रोड पर किताबें तलाशते चेहरों को कभी छोटा बघाड़ा, अल्लापुर, सलोरी, प्रयाग के बंद कमरों में तलाशिएगा। अंदर से बंद कमरों की खामोशी को महसूस कीजिएगा। कभी काशी जाना हो तो लंका जरूर जाइएगा। यहां चाय, लौंगलता के साथ सजी युवाओं की महफिल को जरूर सुनिएगा। महसूस कीजिएगा कि कॅरिअर की चिंता क्या होती है। कभी कानपुर में काकादेव भी जाइएगा। करिअर के तनाव में फीके हो चले चेहरों को जरूर पढि़एगा...। ये वो चेहरे हैं जो राजनीति की दशा और दिशा बदलते हैं। असीमित ऊर्जा के साथ असीमित संभावनाओं वाले युवा इस चुनाव में क्या गुल खिलाएंगे बता रहे हैं अक्षय कुमार...
देश के करीब साढ़े सात करोड़ युवा मतदाता लोकसभा चुनाव में भाग्य विधाता की भूमिका में होंगे। यह भी सच है कि युवा जिसके साथ होते हैं, सरकार उसकी होती है। सियासी दल इसको बखूबी जानते हैं, इसलिए युवाओं को लुभाने के लिए हर जतन करते दिख रहे हैं। युवाओं के मुद्दे पर वार-पलटवार हो रहे हैं। पर, गैजेट्स और इंटरनेट से लैस युवा वर्ग सबको खामोशी से परख रहा है। उनके दावों को तौल रहा है।
सरकार के दावे...
6.5 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी प्रदेश सरकार ने अपने सात साल के कार्यकाल में।
3 लाख से अधिक को विभिन्न पदों पर संविदा पर दी गई तैनाती।
17 लाख युवाओं को कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षित किया गया। अब इंटरमीडिएट स्तर के विद्यार्थियों को भी इससे जोड़ा जा रहा है।
500 से ज्यादा स्टार्टअप शुरू हुए।
10 हजार समूह 'ग' के पदों के लिए डेढ़ महीने में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने विज्ञापन जारी किए।
केंद्र सरकार की ओर से चलाए गए दस लाख भर्तियों के अभियान में लगातार आयोजन कर युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए।
2.4% ही रह गई है बेरोजगारी दर प्रदेश में। जो 2017 से पहले 19% से अधिक थी।
57000 तकनीकी ग्रेजुएट व पोस्टग्रेजुएट निकल रहे हैं हर साल एकेटीयू, एमएमएमयूटी गोरखपुर व एचबीटीयू कानपुर सेे।
18 लाख युवा हर साल सरकारी व प्राइवेट यूनिवर्सिटी से यूजी-पीजी करके निकल रहे हैं।
पर, दावों से इतर पेपर लीक जैसे मामले भी हैं। विपक्ष उन्हें लेकर हमलावर है। वह मुद्दे को धार दे रहा है। हालांकि, यह भी सच है कि सरकार ने विभिन्न भर्तियों में पेपर व व्यवस्था से छेड़छाड़ करने वालों पर सख्ती की। सिपाही भर्ती व आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा रद्द कर दी गई, तो संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई भी की गई।
पर, इंतजार का दर्द भी...
3313 टीजीटी, 850 पीजीटी और 1017 असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों पर भर्ती के आवेदन 2022 में आ चुके हैं। 13 लाख से अधिक आवेदक दो साल से इंतजार कर रहे हैं।
6365 एलटी के पदों पर भर्ती के लिए 2022 में अधियाचन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से लोक सेवा आयोग को भेजा गया। समकक्ष अर्हता को लेकर मामला दो साल से लंबित है।
896 सहायक सांख्यिकी अधिकारी/ सहायक शोध अधिकारी (एएसओ-एआरओ) की भर्ती प्रक्रिया अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 2019 में शुरू की और अब तक यह पूरी नहीं हो पाई।
69,000 शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण को लेकर अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं, मामला न्यायालय में है। विभाग इसका निस्तारण नहीं करा पा रहा है।
2022 से चल रही लेखपाल के 8085 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया हाल ही में पूरी हुई। इसमें अंतिम रूप से 7987 का चयन हुआ है। हालांकि, अभी इनका नियुक्ति पत्र नहीं वितरित हो पाया है।
युवाओं को लुभाने की कोशिशें
भाजपा : पार्टी नए मतदाताओं, युवा लाभार्थियों से घर-घर जाकर संपर्क साध रही है। प्रोफेशनल यूथ के बीच पहुंचने की भी रणनीति। ग्राम पंचायत स्तर पर युवा चौपाल और युवा सम्मेलन की तर्ज पर युवती सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। युवाओं से सुझाव लिए जा रहे हैं, जिसे घोषणापत्र में शामिल करने की तैयारी है। पार्टी नव मतदाता सम्मेलन भी चला रही है। पीएम मोदी ने इनसे वर्चुअल संवाद भी किया था।
सपा : नई भर्तियों में पुरानी पेंशन देने का वादा। 69,000 शिक्षक भर्ती में इंसाफ दिलाने, पुलिस भर्ती में टेस्ट के बजाय पूर्व की भांति मेरिट से चयन, खाली पदों को भरने का भरोसा दिया जा रहा है।
कांग्रेस : युवा न्याय गारंटी का वादा। इसके तहत हर डिग्री-डिप्लोमा धारक को एक लाख सालाना स्टाइपेंड के साथ अप्रेंटिसशिप का वादा। 30 लाख सरकारी भर्ती, 5000 करोड़ के राष्ट्रीय कोष से जिला स्तर पर युवाओं को स्टार्टअप फंड देकर उद्यमी बनाने का वादा। पेपर लीक की रोकथाम गारंटी करने वाला नया कानून बनाने का भी वादा।
बसपा : पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद खुद युवा हैं और लगातार युवाओं को बसपा से जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं।
रालोद : समय से भर्ती प्रक्रिया पूरी कराने का वादा। भर्तियों में पारदर्शी व्यवस्था का वादा ताकि पेपर न स्थगित करना पड़े। लिंगदोह समिति के आधार पर छात्रसंघ बहाली की बात।
युवाओं की बात
बेरोजगार भर्ती और नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं। पर, यह किसी भी दल के लिए मुद्दा नहीं है। तीन साल से युवा इंतजार ही कर रहा है, एक आयोग का गठन नहीं हो पा रहा है। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और खाली लाखों पदों को जल्द भरना चाहिए।
-विक्की खान, प्रदेश अध्यक्ष, प्रतियोगी छात्र मोर्चा
युवा आयोग का गठन किया जाए जो भर्तियों से जुड़ी शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण करे। पेपर लीक करने-कराने वालों व नकल माफिया पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। भर्तियों का समय निर्धारित कर उसे तय समय में पूरा किया जाए, ताकि साल दर साल यह चलती न रहें।
-दुर्गेश शुक्ला, प्रतियोगी छात्र
प्रदेश में स्टार्टअप-इनोवेशन को लेकर काफी प्रयास किया जा रहा है। पर, महिला एंटरप्रेन्योर की तरफ थोड़ा ध्यान और देना चाहिए। मेरा मानना है कि फंड के लिए आवेदन की प्रक्रिया व चीजों को थोड़ा और स्पष्ट करने की जरूरत है।
-डॉली, निदेशक, प्रिजर्व स्टार्टअप