नहर में आ रहे जहरीले पानी के विरोध में ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन, कहा- अगर जहरीला पानी बंद नहीं हुआ तो ग्रामीण धरने पर बैठ जाएंगे
-नहर में केमिकल युक्त पानी से आसपास के गांव का भूजल दूषित हुआ
-शकलपुरा और जावली गांव में कैंसर जैसी बीमारियों के मरीजों में इजाफा
सुनील मिश्रा (सिटीजन रिपोर्टर)
गाजियाबाद। लोनी ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र से आ रहे केमिकल युक्त जहरीले पानी के विरोध में शकलपुरा गांव में ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। पाइप लाइन के माध्यम से जहरीला पानी नहर में डाला जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जहरीले पानी के चलते गांव में कैंसर जैसी बीमारियों के मरीज बढ़ रहे हैं। कई ग्रामीणों की मौत हो चुकी है।
बड़ौत की तरफ से लोनी की तरफ आ रही नहर में ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र का केमिकल युक्त पानी डाला जा रहा है। यह पानी जहरीला है। इस नहर के आसपास शकलपुरा गांव, जावली गांव, सिकरानी समेत कई गांव हैं। पहले इस नहर में यमुना का पानी आता था। आसपास के गांव के लोग यमुना के पानी से खेती करते थे। अब इस नगर में केमिकल युक्त पानी आने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव निवासी सुमित कसाना ने बताया कि कई साल पहले यूपीसीडा ने अपनी फैक्टरियों का पानी निकालने के लिए गांव के पास पाइप लाइन बिछाई थी। उस समय कहा गया था कि फैक्टरियों के पानी को ट्रीट कर पाइप लाइन में छोड़ा जाएगा। इसके बाद पानी को आगे निकाला जाएगा।
शकलपुरा गांव के पास पाइप लाइन से पानी को नहर में डाला जा रहा है। कुछ दिनों तक पानी ठीक आया लेकिन बाद में पानी को बिना ट्रीट करके ही डाला जाने लगा। इससे नहर दूषित हो गई। नहर में जहरीला पानी आने से आसपास के गांव में भूजल दूषित हो गया। ग्रामीणों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है। पाइप लाइन भी कई स्थानों से टूट रही है। जिससे आसपास के गांव के किसानों के खेतों में जहरीला पानी घुस गया है। किसान खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। जहरीले पानी के चलते 100 से अधिक पेड़ भी सूख गए हैं। इस समस्या को लेकर खतौली विधायक मदन भैया ने पत्र लिखकर शिकायत की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पाई। सुनवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जहरीला पानी बंद नहीं हुआ तो ग्रामीण धरने पर बैठ जाएंगे।