वरुण, मेनका, संघमित्रा, ब्रजभूषण की बढ़ी बेचैनी, रायबरेली, कानपुर और मैनपुरी पर सस्पेंस

Update: 2024-03-03 07:27 GMT

भाजपा की पहली सूची में उन सीटों की घोषणा नहीं की गई जहां से पार्टी प्रत्याशी बदल सकती है। इसी तरह सपा और कांग्रेस की गढ़ कही जाने वाली सीट पर भी सस्पेंस बना है। 

भाजपा ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 80 में से 51 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। बाकी 29 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा सपा, बसपा और कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित होने और सहयोगी दलों को गठबंधन में दी जाने वाली सीटों के निर्णय के बाद हो सकती है। ऐसे में कानपुर, प्रयागराज, रायबरेली, मैनपुरी, गाजियाबाद, बदायूं और फिरोजाबाद जैसी हॉट सीटों पर सभी राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं के साथ राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें भी लगी हैं।

,प्रयागराज से भाजपा की मौजूदा सांसद रीता बहुगुणा जोशी हैं। उनके बेटे ने विधानसभा चुनाव-2022 में सपा के साथ मंच साझा किया था। उसके बाद से रीता के टिकट पर तलवार लटक गई थी। प्रयागराज से भाजपा किसी बड़े चेहरे को उतारने पर विचार कर रही है। कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी की सीट पर भी किसी बड़े ब्राह्मण चेहरे को उतारा जा सकता है। कांग्रेस ने अभी रायबरेली सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। भाजपा ने इस बार रायबरेली सीट पर कमल खिलाने को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया है। ऐसे में पार्टी यहां से कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होने के बाद ही अपना पत्ता खोलेगी।

सपा के गढ़ मैनपुरी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव से मुकाबले के लिए पार्टी को मजबूत उम्मीदवार की तलाश है। वहीं, बदायूं में सपा महासचिव शिवपाल यादव के सामने भी प्रत्याशी नहीं उतारा गया है। यहां से राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के मुखिया स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य भाजपा की सांसद हैं। पार्टी ने इस सीट को लंबित रखा है, ऐसे में सभी निगाहें हैं कि लगातार स्वामी प्रसाद की सनातन विरोधी बयानबाजी का असर उनकी बेटी के राजनीतिक भविष्य पर पड़ता है या नहीं। फिरोजाबाद में अक्षय यादव को टक्कर देने के लिए भी पार्टी दमदार प्रत्याशी के नाम पर मंथन कर रही है।

अवध में मेनका और ब्रजभूषण की सीट पर टिकट का इंतजार जारी

अवध क्षेत्र की सुल्तानपुर, रायबरेली, कैसरगंज और बहराइच में बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। मेनका गांधी की सीट सुल्तानपुर पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है। मोदी सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने के बाद से मेनका पार्टी के कार्यक्रमों में भी सक्रिय नहीं रही हैं। उधर, कुश्ती संघ से विवादों में आए कैसरगंज के सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह का टिकट भी घोषित नहीं किया गया है। इस सीट पर ब्रजभूषण के विधायक बेटे प्रतीक भूषण शरण सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है। बहराइच सुरक्षित सीट पर भी भाजपा को दमदार दलित उम्मीदवार की तलाश है। बहराइच से मौजूदा सांसद अक्षयवरलाल परिवार के किसी सदस्य के लिए टिकट चाहते हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह की गाजियाबाद सीट पर भी पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। वीके सिंह इस सीट से दूसरी बार सांसद हैं, उनकी हैट्रिक लगती है या सीट बदलती है इस पर सभी की निगाहें हैं।

एक विधायक को मिला टिकट

भाजपा ने नगीना सुरक्षित सीट से बिजनौर जिले के नटहौर से विधायक ओम कुमार को प्रत्याशी बनाया है। पहली सूची में ओम कुमार एक मात्र विधायक हैं, जिन्हें टिकट दिया गया है।

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