यूपी: नकली नोटों की सप्लाई का अड्डा बन गया है ये जिला, पाकिस्तान से गिरोह चलाने की आशंका, कई सदस्य STF की रडार पर

Update: 2023-08-04 08:02 GMT

उत्तर प्रदेश का शामली जिला एक बार फिर से सुर्खियों में है. यहां पर एसटीएफ ने भारी मात्रा में नकली नोटों के साथ इमरान को गिरफ्तार किया है. 90 के दशक में जहां शामली जिले में सोना, हथियार और ड्रग्स की तस्करी चरम पर थी, वहीं इन दिनों यह जिला नकली नोटों की सप्लाई का अड्डा बन गया है. एसटीएफ पहले ही कार्रवाई कर कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

इमरान के नकली नोट के साथ पकड़े जाने के बाद शामली जिला एक बार फिर सुर्खियों में है। 90 के दशक से जिले के लोगों ने गठरी कारोबार के बाद सोने की तस्करी, हथियार व नशीले पदार्थों की आपूर्ति को कमाई का जरिया बना लिया था. लेकिन जब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने इन तीनों की तस्करी पर शिकंजा कसा तो शामली जिले के गैंग के सदस्यों ने नकली नोटों को कमाई का जरिया बना लिया. अब हथियारों से ज्यादा नोटों की खपत होने लगी है.

संदेह से बचने के लिए गिरोह के सदस्य अब 500 के नहीं बल्कि 50 और 100 के नोटों का ही उपयोग कर रहे हैं।

एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि शामली का गिरोह अब 50 नहीं बल्कि 50 और 100 के नकली नोट खपा रहा है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि 500 के नोट से पकड़े जाने का डर रहता है। जबकि 50 और 100 के नोटों पर किसी को शक नहीं होता। जिसके कारण वह ज्यादातर 50 और 100 के नोट भी खपा रहा था। इमरान वर्ष 2000 से नकली नोटों के कारोबार में लगा हुआ है।

शामली पुलिस पंजाब पुलिस से भी सहयोग लेगी

इमरान का एक चचेरा भाई हथियार तस्करी के मामले में पंजाब के जालंधर से फरार है। एसपी अभिषेक का कहना है कि जल्द ही इस मामले में पंजाब पुलिस से आरोपियों को लेकर सहयोग मांगा जाएगा।

नेपाल, पाकिस्तान में ट्रेनिंग तो नहीं ली, जांच शुरू

नकली नोट खपाने वाले गिरोह के सदस्यों ने नेपाल या पाकिस्तान में नकली नोट छापने का प्रशिक्षण नहीं लिया है. पुलिस और एसटीएफ इसकी जांच में जुट गई है. माना जा रहा है कि पूर्व में या तो गिरोह के सदस्यों ने प्रशिक्षण लिया था या फिर पाकिस्तान या नेपाल आदि के रास्ते भारत के विभिन्न स्थानों पर नकली नोटों की खेप पहुंचाई जा रही है।

पहले पकड़े गए आरोपियों का कनेक्शन नेपाल और पाकिस्तान से है

मेरठ पुलिस ने आफताब को नकली नोट के मामले में फरवरी में पकड़ा था। उनके जीजा शाहिद कैराना के रहने वाले थे। अधिकारियों की जांच में शाहिद के नेपाल आने और पाकिस्तान से कनेक्शन की बात सामने आई। इसके अलावा कुछ समय पहले ताजिम और इरशाद को भी पुलिस ने पकड़ा था।

हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह के बाद नकली नोटों की सप्लाई का मामला सामने आया. इसके अलावा चार माह पहले अटारी बॉर्डर पर कैराना का युवक हथियार के साथ पकड़ा गया था। वर्ष 2023 में कैराना के अनीस को भी नकली नोटों के मामले में दोषी ठहराया गया है। इसके अलावा अब शामली के इमरान और उसके परिजनों के नकली नोटों के साथ ही हथियारों की सप्लाई का भी खुलासा हुआ है.

उन्होनें कहा

नकली नोट खपाने वाले गिरोह के संबंध में कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं. शीघ्र ही गिरोह के फरार सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एसटीएफ के साथ संयुक्त अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है।

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