UP News: माटी कला बोर्ड को प्रोत्साहन देगी योगी सरकार, जारी होगी वित्तीय अनुदान की दूसरी किस्त

Update: 2023-08-16 10:02 GMT

उत्तर प्रदेश की लोक कलाओं, ग्रामीण परिवेश और ग्रामीण परंपराओं को संरक्षण देने के साथ ही प्रदेश में लघु और ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत योगी सरकार ने अब माटीकला को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश में पारंपरिक माटी कला को बढ़ावा देने और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए काम कर रहे उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड को वित्तीय अनुदान देने का रास्ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि योगी सरकार की ओर से प्रदेश में माटी कला को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के संचालन और अन्य जरूरी मदों के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसमें से पहली किस्त के रूप में बोर्ड को केवल 1.66 करोड़ रुपये ही मिले हैं, जबकि शेष 8.33 करोड़ रुपये का आवंटन लंबित है. ऐसे में सीएम की मंशा के अनुरूप अब उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड को कुल प्राविधानित धनराशि में से वित्तीय अनुदान के रूप में दूसरी किस्त का भुगतान करने की वित्तीय स्वीकृति मिल गई है। इस संबंध में कुटीर एवं ग्रामोद्योग निदेशालय को भी निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

1.66 करोड़ रुपये की दूसरी किश्त स्वीकृत कर दी गई है

पिछली किस्त की तरह इस बार भी राज्य में माटीकला को बढ़ावा देने के लिए प्रावधानित धनराशि की दूसरी किश्त के रूप में 1.66 करोड़ रुपये के आर्थिक अनुदान का रास्ता साफ हो गया है. इसी क्रम में योगी सरकार ने कुटीर एवं ग्रामोद्योग निदेशालय को निर्देशित करते हुए इसे कुछ नियम और शर्तों के तहत लागू किया है. इसके तहत स्वीकृत राशि की निकासी केवल तात्कालिक आवश्यकता के आधार पर ही की जायेगी। नियमानुसार स्वीकृत राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र खादी बोर्ड द्वारा सरकार को उपलब्ध कराया जायेगा.

माटीकला बोर्ड की मांग के अनुसार अनुदान मिला

गौरतलब है कि योगी सरकार द्वारा बजट में उपलब्ध करायी गयी धनराशि के तहत माटीकला बोर्ड ने प्रदेश में माटीकला को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मदों में खर्च समेत विस्तृत कार्ययोजना मांगी थी. यह वित्तीय अनुदान माटीकला बोर्ड द्वारा प्रस्तुत कार्य योजना एवं संबंधित योजनाओं के संचालन हेतु अनुमानित व्यय को ध्यान में रखकर स्वीकृत किया गया है। इसके आधार पर उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड को वित्तीय अनुदान की दूसरी किश्त के रूप में 1.66 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है.

माटीकला राज्य की नई पहचान बना रहा है

प्रदेश की कोई भी प्रदर्शनी हो तो निश्चित रूप से माटीकला से बने उत्पाद सभी का मन स्वत: ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। यही कारण है कि प्रदेश की माटी कला की कलाकृतियां न सिर्फ आम लोगों के बीच बल्कि समाज के संभ्रांत लोगों के बीच भी खूब पसंद की जा रही हैं। इसका एक कारण यह है कि पारंपरिक कला को संरक्षण देने के साथ-साथ राज्य में मिट्टी के कारीगरों को समय-समय पर कौशल विकास और व्यावसायिक दृष्टि से गुणवत्ता नियंत्रण जैसे विषयों में प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड द्वारा मंडल एवं राज्य स्तर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिसके माध्यम से माटीकला कारीगरों के हुनर को निखारने के साथ-साथ पुरस्कृत होने का भी अवसर मिलता है। साथ ही उन्हें देश-विदेश में आयोजित प्रदर्शनियों में अपनी कला प्रदर्शित करने का मौका भी मिलता है, जिससे उनकी अच्छी आय के साथ-साथ व्यापक बाजार तक उनकी पहुंच बढ़ जाती है। यही कारण है कि प्रदेश के माटी शिल्पकारों की ख्याति न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया में गूंज रही है।

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