UP News: रोडवेज यात्रियों को ट्रेनों की तर्ज पर मिलेगी बसों की जानकारी, छह हजार बसें होंगी हाईटेक

Update: 2023-08-01 06:47 GMT

चार महीने में रोडवेज की छह हजार बसें हाईटेक हो जाएंगी। इसके लिए जापानी कंपनी NEC ने काम शुरू कर दिया है. रेलवे के नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) ऐप की तर्ज पर कंपनी बस यात्रियों के लिए भी एक ऐप बनाएगी। यात्री इसे अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड कर बसों की लोकेशन जान सकेंगे। बसों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाई जाएंगी. वहीं, परिवहन मुख्यालय में एक कमांड सेंटर भी स्थापित किया जाएगा, जहां से बसों की ट्रैकिंग की जाएगी.निर्भया योजना के तहत रोडवेज बसों में वाहन लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगाने का काम हाल ही में जापानी कंपनी एनईसी को सौंपा गया है। एनईसी के अलावा दो भारतीय और एक सिंगापुर कंपनी ने आवेदन किया था.

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि बसों में लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस होने से दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा. कंपनी हर बस में बायीं तरफ पांच और दायीं तरफ पांच यानी कुल 10 पैनिक बटन लगाएगी। इससे यात्रियों को आपात्कालीन सहायता उपलब्ध करायी जा सकेगी. पैनिक बटन दबाते ही कमांड कंट्रोल को तुरंत सूचना मिल जाएगी और नजदीकी थाने को भी सूचित कर दिया जाएगा. वहीं, योजना के तहत 100 प्रमुख रोडवेज बस स्टेशनों पर एलईडी डिस्प्ले पैनल और अनाउंसमेंट सिस्टम भी लगाए जाएंगे. आने-जाने वाली बसों की जानकारी डिस्प्ले स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी।परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक यजुवेंद्र सिंह ने बताया कि रोडवेज की करीब 10 हजार बसों में पैनिक बटन और लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाई जानी है। इसमें 4,000 बसें ऐसी हैं, जो अगले छह से आठ महीने में खत्म हो जाएंगी. इसलिए जापानी कंपनी उन 6,000 बसों में पैनिक बटन और डिवाइस लगाएगी जिनमें अभी भी जान बची हुई है। कंपनी इन बसों के मेंटेनेंस का काम भी देखेगी।

अत्याधुनिक कमांड और कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा

रोडवेज बसों में लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगने के बाद इन्हें ट्रैक करने के लिए 20 जोन में क्षेत्रीय निगरानी केंद्र और मुख्यालय पर अत्याधुनिक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस सेंटर से हर बस की निगरानी की जाएगी।

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