UP News: मुख्यमंत्री योगी ने बाढ़ और जलभराव की समीक्षा की, राहत आयुक्त कार्यालय को अलर्ट किया गया

Update: 2023-07-10 08:11 GMT

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सोमवार को भारी बारिश के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है. उन्होंने निर्देश दिये कि बाढ़ के साथ-साथ जल-जमाव से निपटने के लिये भी ठोस प्रयास किये जायें।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई भारी बारिश के बाद जनहित में किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद अगले कुछ दिनों में राज्य की विभिन्न नदियों के जल स्तर में वृद्धि की संभावना है. सिंचाई एवं जल संसाधन के साथ-साथ राहत एवं बचाव से संबंधित सभी विभाग अलर्ट मोड में रहें.

इस वर्ष अब तक 24 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है, जबकि 31 जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज की गयी है. हालांकि मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक जुलाई महीने में इन जिलों में अच्छी बारिश की संभावना है. मौसम की बदलती परिस्थितियों पर निरंतर निगरानी रखी जाए।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कई स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने से जान-माल के नुकसान की दुखद खबरें आयी हैं. ऐसे पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध करायी जाये. इस साल पूर्वी उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. आकाशीय बिजली के सटीक पूर्वानुमान की बेहतर प्रणाली (प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली) विकसित करना आवश्यक है। यह मानव/पशु हानि को न्यूनतम रखने के लिए आवश्यक है। प्रत्येक गांव में वर्षा मापक यंत्र लगाने की प्रक्रिया में भारत सरकार भी सहयोग कर रही है, यह कार्य शीघ्रता से पूर्ण किया जाय। राजस्व एवं राहत, कृषि, राज्य आपदा प्रबंधन, रिमोट सेंसिंग अथॉरिटी, भारतीय मौसम विभाग, केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ संवाद बनाएं और ऐसी प्रणाली विकसित करें, जिससे आम लोगों को समय पर मौसम की सटीक जानकारी मिल सके।

बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत् निगरानी रखी जाय। कई स्थानों पर गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि देखी गई है. इसी प्रकार सभी नदियों के जलस्तर की सतत निगरानी की जाए। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की बाढ़ इकाइयां और आपदा प्रबंधन टीमें 24x7 सक्रिय रहें। आवश्यकतानुसार आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की मदद ली जाय।

बाढ़ के साथ-साथ जलजमाव के निदान के लिए भी समेकित प्रयास जरूरी है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बाढ़ के साथ-साथ जलजमाव से निपटने के लिए भी हमें ठोस प्रयास करने होंगे. जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी एवं पुलिस की संयुक्त टीम जल-जमाव रोकने के लिए स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप व्यवस्था करें. जलजमाव के समाधान पर जिलाधिकारी, क्षेत्रीय सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, मेयर, सभापति और नगर निकाय अध्यक्ष चर्चा करेंगे. आवश्यक कार्यवाही की जाये।

उन्होंने कहा कि यह सुखद है कि इस वर्ष सभी जिलों में धान की रोपाई सामान्य रूप से चल रही है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार 58.5 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 18 लाख हेक्टेयर में रोपनी हो चुकी है. धान की रोपाई की प्रगति पर नजर रखने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया जाए, ताकि जिलेवार रोपाई की सही स्थिति समय पर पता चल सके।

सभी संवेदनशील तटबंधों पर सहायक अभियंता स्तर के प्रभारी पदाधिकारियों को नामित किया गया है, वे 24×7 अलर्ट मोड में रहें. क्षेत्रीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा लगातार तटबंधों का निरीक्षण एवं निगरानी की गयी। बारिश के शुरूआती दिनों में रैटहोल एवं रेनकट की स्थिति पर नजर रखें। तटबंधों की पेट्रोलिंग लगातार की जाए।

नाव, राहत सामग्री, पेट्रोमैक्स आदि की व्यवस्था समय रहते कर लें। बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। प्रभावित परिवारों को हर आवश्यक सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी यूरिया की कमी या कृत्रिम कमी न हो। किसानों को समय पर पर्याप्त यूरिया उपलब्ध रहे।

उन्होंने कहा कि जिन गांवों में बाढ़ के दौरान जलभराव होगा, वहां आवश्यकतानुसार पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। इसके लिए स्थान का चयन जिलों की स्थिति को ध्यान में रखकर किया जाए। इन स्थलों पर पशुओं के चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।

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