UP News: आंगनबाडी केंद्रों पर पूरक पोषाहार योजना के तहत पोषाहार वितरण में बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया जाएगा

Update: 2023-08-25 11:13 GMT

योगी सरकार ने प्रदेश की बाल विकास परियोजनाओं के तहत संचालित आंगनबाडी और मिनी आंगनबाडी केन्द्रों पर अनुपूरक पोषाहार योजना के तहत पोषाहार वितरण को और अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के लिए बायोमेट्रिक्स प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत ई-पॉस मशीनों की स्थापना एवं संचालन के लिए उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीडीईएससीओ) को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। यूपीडेस्को ई-टेंडरिंग के माध्यम से ई-पॉस मशीनों की स्थापना के लिए टेंडर के साथ-साथ रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) तैयार करने के लिए जिम्मेदार होगा। गौरतलब है कि हाल ही में योगी कैबिनेट ने अनुपूरक पोषाहार योजना के तहत ई-पॉस मशीनों से पोषाहार वितरण की व्यवस्था को मंजूरी दे दी है. इससे लाभार्थी के हिस्से का पोषाहार कोई अन्य नहीं ले सकेगा। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा बाल विकास परियोजनाओं के अंतर्गत संचालित आंगनबाडी एवं मिनी आंगनबाडी केन्द्रों पर अनुपूरक पोषाहार योजना के तहत 6 माह से 6 वर्ष की आयु के बच्चे (गंभीर कुपोषित सहित), गर्भवती एवं धात्री महिलाएं एवं 14 से 18 वर्ष की किशोरियां। राज्य। बालिकाओं को पोषण (केवल आकांक्षी जिलों में) उपलब्ध कराया जा रहा है।

एक से अधिक सिस्टम इंटीग्रेटर्स का भी चयन किया जा सकता है

ई-पॉस मशीन की बोली प्रक्रिया में कई घटकों के शामिल होने के कारण इसे उत्तर प्रदेश सरकार के ई-खरीद पोर्टल https://etender.up.nic.in के माध्यम से करने की व्यवस्था की गई है। क्रय समिति का गठन निदेशक, यूपीडेस्को की अध्यक्षता में किया जायेगा। समिति में प्रशासनिक विभाग के सदस्य के रूप में संयुक्त निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पोषण विशेषज्ञ शामिल रहेंगे। इसके अतिरिक्त आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग आवश्यकतानुसार अन्य विभागीय अधिकारियों एवं वित्त विभाग के प्रतिनिधि को भी समिति में सदस्य के रूप में नामांकित करेगा। चयनित होने वाली सिस्टम इंटीग्रेटर संस्थाओं को ई-पॉस मशीन सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, आईरिस आइडेंटिफिकेशन, फील्ड लेबल मैनपावर, टेक्निकल मैनपावर, मोबाइल सिम उपलब्ध कराना होगा। साथ ही इन सभी को 03 साल तक मेन्टेन करना होगा. यह परियोजना सिस्टम इंटीग्रेटर आधारित बीओओ (बिल्ड, ओन, ऑपरेट) मॉडल पर क्रियान्वित की जाएगी। ई-पॉस मशीन के लिए बोली प्रक्रिया में विभिन्न घटक (हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर आदि) शामिल होंगे, जिसमें एक से अधिक सिस्टम इंटीग्रेटर्स के भी चयन की संभावना है।

लाभार्थी का आधार आधारित सत्यापन होगा

14 से 18 वर्ष की आयु वर्ग की किशोरियां एवं गर्भवती एवं धात्री महिलाएं स्वयं बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण में सक्षम हैं, अत: उन्हें आधार आधारित सत्यापन के माध्यम से पोषण प्राप्त होगा। 06 माह से 06 वर्ष के आयु वर्ग में पोषण स्वयं प्राप्त न होकर व्यवहारिक रूप से अपने माता-पिता से प्राप्त होता है। ऐसी स्थिति में व्यावहारिक दृष्टिकोण रखते हुए उन बच्चों के माता या पिता के आधार पर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की व्यवस्था स्थापित की जाएगी. इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा एक सप्ताह के भीतर विस्तृत दिशा-निर्देश यूपीडेस्को को उपलब्ध कराये जायेंगे।

यूपीडेस्को के अनुभव को देखते हुए जिम्मेदारी दी गई है

ई-पॉस मशीनों की स्थापना एवं संचालन में गुणवत्तापूर्ण कार्य एवं अनुभव को ध्यान में रखते हुए यूपीडेस्को को यह जिम्मेदारी दी गई है। खाद्य एवं रसद विभाग के अंतर्गत यूपीडेस्को प्रदेश में एफपीएस ऑटोमेशन हेतु आरएफपी तैयार करने, बोली लगाने तथा सिस्टम की निगरानी एवं बिलिंग हेतु कार्यकारी संस्था के रूप में कार्य कर रही है। इस मॉडल के अनुसार ई-पीओएस मशीन उपलब्ध कराने के संबंध में यूपीडेस्को के माध्यम से सिस्टम इंटीग्रेटर संगठनों के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इतना ही नहीं, खाद्य एवं रसद विभाग में ई-पॉस मशीनों की स्थापना एवं संचालन के लिए आरएफपी तैयार करने का कार्य भी यूपीडेस्को द्वारा किया गया है, जिसमें नवीनतम तकनीकों (आयरिश पहचान, जीपीएस लोकेशन ट्रैकर, फेस आइडेंटिफिकेशन) का उपयोग शामिल है।

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