इस बार की सावन शिवरात्रि बेहद खास: शुभ संयोग के चलते भगवान शिव के साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी होगी प्राप्त

Update: 2024-07-31 07:42 GMT

-2 अगस्त को सावन शिवरात्रि का जल अपरान्ह 3.30 बजे से चढ़ना शुरू होगा

-गुरुवार से मंदिर के कपाट 24 घंटे के लिए खोल दिए जाएंगे

-अगर रूद्राभिषेक नहीं कर सकते हैं तो निराश होने की जरूरत नहीं है, जलाभिषेक करते समय 3 बेलपत्र चढ़ाने से होगी इच्छा पूर्ण

नेहा सिंह तोमर

गाजियाबाद। श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि सावन शिवरात्रि 2 अगस्त को है। इस बार सावन शिवरात्रि पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। भगवान शिव के साथ मां पार्वती ही नहीं मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होगी। जिससे सावन शिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ गया है।

महंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 2 अगस्त को अपरान्ह 3 बजकर 24 मिनट से हो रही है और यह अगले दिन 3 अगस्त को अपरान्ह 3 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। ऐसे में कांवड़ियों और शिवभक्तों को सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए प्रर्याप्त समय मिलेगा। सावन शिवरात्रि शुक्रवार को है और उस दिन सर्वार्थ सिद्धि का संयोग भी है। ऐसे संयोग के चलते भगवान शिव के साथ माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होगी। इसके लिए रूद्राभिषेक गन्ने के जूस और गंगा जल में गुलाब जल डालकर किया जाए। इससे भगवान शिव और मां लक्ष्मी की कृपा से हर मनोकामना पूर्ण होगी। अगर रूद्राभिषेक नहीं कर सकते हैं तो भी निराश होने की जरूरत नहीं है। भगवान शिव को जलाभिषेक करते समय 3 बेलपत्र अर्पित करने से भी हर इच्छा पूर्ण होगी।

गिरि महाराज ने बताया कि 2 अगस्त को सावन शिवरात्रि का जल अपरान्ह 3.30 बजे से चढ़ना शुरू होगा। उससे पहले त्रयोदशी का जल चढ़ेगा। हजारों की संख्या में कांवड़िए गुरुवार को ही गाजियाबाद पहुंच जाएंगे और दूधेश्वर नाथ मंदिर में हाजरी का जल चढाएंगे। कांवड़ियों को कोई दिक्कत न हो इसके चलते गुरुवार से मंदिर के कपाट 24 घंटे के लिए खोल दिए जाएंगे।

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