चेहरों पर लगी थी मिट्टी, पहचान में न आए शव; इकलौते बेटे को मुंह से आक्सीजन दी, लेकिन सफल न हुआ

Update: 2024-02-25 07:09 GMT

कासगंज में दर्दनाक हादसा हुआ। माघ पूर्णिमा पर एटा के कसा गांव से बच्चे का मुंडन संस्कार कराने के लिए कासगंज के कादरगंज गंगा घाट जा रहे लोगों की ट्रैक्टर ट्रॉली बेयरिंग टूटने से तालाब में पलट गई। हादसे में आठ बच्चे, आठ महिलाओं समेत 23 लोगों की मौत हो गई, जबकि 9 लोग घायल हो गए।

 कासगंज में ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे में श्रद्धालुओं की मौत होने की सूचना मृतकों के परिजनों, गांव के लोगों और रिश्तेदारों को हुई तो वे सीधे जिला अस्पताल पहुंच गए और यहां स्ट्रेचरों पर रखे शवों की शिनाख्त करने में परेशान हो रहे थे, लेकिन चेहरे की मिट्टी हटाकर सभी की पहचान कर ली गई।

शिनाख्त में देरी के कारण प्रशासनिक अधिकारियों को भी सूची बनाने में दिक्कतें हो रहीं थीं। सभी की शिनाख्त हुई तो सूची बन पाई। ट्रैक्टर-ट्रॉली का हादसा तालाब में गिरकर हुआ। तालाब की मिट्टी मृतक श्रद्धालुओं के चेहरे व शरीर पर लगी हुई थी।

कुछ के चेहरे साफ थे तो उनकी शिनाख्त आसानी से हो गई, लेकिन कुछ की शिनाख्त में दिक्कतें हो रहीं थीं, लेकिन परिजनों, ग्रामीणों व रिश्तेदारों के पहुंचने के बाद सभी की शिनाख्त कर ली गई। सभी मृतकों की शिनाख्त होने के बाद ने सूची तैयार करके प्रशासनिक अधिकारियों को दी और यह सूची देर सायं प्रशासन के द्वारा जारी की गई।

अपनों को मौत के मुंह से बाहर निकालने को जूझते देखे गए परिजन

उधर, ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से हुए हादसे में दुधमुंही पायल पुत्री राजेश एवं कुलदीप पुत्र मुकेश की मौत हो जाने के बाद भी परिजन उनको मौत के मुंह से बाहर निकालने की कोशिश करने के लिए जूझते रहे। हादसे के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार जो लोग बच गए वे ट्राली में सवार अपनों को बचाने के प्रयास करने में जुट गए।

दुधमुही पायल को उसकी बुआ पानी से बाहर निकाल कर लाई, लेकिन वह यह समझ नहीं सकी कि पायल की मौत हो चुकी है। उसने पायल को बाहर लाकर उल्टा कर दिया, ताकि उसके पेट में भरा पानी निकल जाए और उसकी जान बच जाए, जब काफी देर तक प्रयास करने पर भी मासूम में कोई हरकत नहीं हुई तो वह बिलख पड़ी।

इसी तरह मुकेश ने जब अपने इकलौते पुत्र कुलदीप में किसी प्रकार की हरकत नहीं देखी तो वह उसे मुंह से आक्सीजन देने की कोशिश करने लगा ताकि उसकी जान को बचाया जा सके, लेकिन उसका यह प्रयास सफल नहीं हुआ। इसी तरह की कोशिश अन्य लोग भी करते रहे।

कासगंज में बेयरिंग टूटने से ट्रैक्टर-ट्राली तालाब में पलटी, 8 बच्चों समेत 23 की मौत

माघ पूर्णिमा पर एटा के कसा गांव से बच्चे का मुंडन संस्कार कराने के लिए कासगंज के कादरगंज गंगा घाट जा रहे लोगों की ट्रैक्टर ट्रॉली बेयरिंग टूटने से तालाब में पलट गई। दुर्घटना में 8 बच्चे व 8 महिलाओं समेत 23 लोगों की मौत हो गई जबकि 9 लोग घायल हो गए। मरने वालों में वह बच्चा भी शामिल है जिसका मुंडन होना था।

हादसा कादरगंज गंगा घाट से 25 किलोमीटर पहले पटियाली-दरियावगंज मार्ग पर ककराला गांव के आदर्श तालाब में सुबह 10 बजे हुआ। गंभीर हालत में तीन लोगों को अलीगढ़ रेफर किया गया है। 6 लोगों का इलाज जिला चिकित्सालय में चल रहा है। ट्रैक्टर ट्राली में 50 से अधिक लोग सवार थे। घटना की जानकारी पाकर डीएम सुधा वर्मा व एसपी अपर्णा रजत कौशिक सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

एटा जिले के गांव कसा के निवासी गौरव के 1 साल के बच्चे सिद्दू का मुंडन होना था। शनिवार सुबह गांव व रिस्तेदारों के लोगों के अलावा आसपास के गांवों के लोग भी साथ जा रहे थे। रौरी गांव निवासी राहुल का ट्रैक्टर था। तबीयत खराब होने पर ट्रैक्टर राहुल की जगह सिद्दू के बाबा सतेंद्र चला रहे थे। राहुल ट्रैक्टर पर ही बगल में बैठा था। कासगंज के कादरगंज गंगाघाट पर मुंडन संस्कार होना था।

अभी 20-22 किलोमीटर ही चले थे तभी सुबह 10 बजे ककराला ग्राम पंचायत के सड़क किनारे बने आदर्श तालाब के समीप ट्रैक्टर-ट्रॉली की बेयरिंग टूट गई। चालक ने जैसे ही ब्रेक लगाए ट्रॉली तालाब में गिरकर पलट गई। ट्रैक्टर पर और ट्रॉली के डाले पर बैठे लोग छिटक कर इधर-उधर जा गिरे, लेकिन ट्रॉली के बीच में बैठीं महिलाएं और बच्चे सभी ट्रॉली के नीचे दब गए। हादसा होते ही घटनास्थल पर चीख-पुकार मचने लगी।

सड़क से गुजर रहे राहगीर मौके पर पहुंचे। इस बीच कुछ पुलिसकर्मी भी आ गए, तत्काल ही राहत और बचाव का कार्य शुरू हो गया। प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई। ट्रॉली को उठाने की कोशिश की गई, लेकिन भारी वजन के बीच पानी में पलटी ट्रॉली उठ नहीं पाई। इस दौरान कुछ और लोग मदद के लिए पहुंचे और ट्रॉली के नीचे दबे लोगों को निकालकर तत्काल पटियाली के चिकित्सालय भेजा गया। ट्रॉली के नीचे दबे ज्यादातर लोगों की मौत मौके पर ही हो चुकी थी। कुछ की सांसें चल रहीं थीं। सभी को ही अस्पताल ले जाया गया। मृतकों में महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक थी।

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