पूरा इंदिरापुरम महज एक फागिंग मशीन पर निर्भर है

By :  Neeraj Jha
Update: 2024-09-23 11:01 GMT

स्वास्थ्य विभाग ने पिछले वर्ष मिले डेंगू के केस के आधार पर किए 60 संवेदनशील क्षेत्र

गाजियाबाद। डेंगू और मलेरिया के सबसे अधिक हाट स्पाट होने के बाद भी यहां पर फागिंग और एंटी लार्वा के इंतजाम आबादी के अपेक्षा कम हैं। यदि आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हाट स्पाट के मामले में इंदिरापुरम जिले में पहले नंबर पर है। यहां जगह-जगह जलभराव और गंदगी है। पूरा इंदिरापुरम महज एक फागिंग मशीन पर निर्भर है। हालांकि इस बार डेंगू और मलेरिया के केस पिछले वर्ष की तुलना में कम हैं।

पिछले वर्ष मिले मरीजों के आधार पर हाट स्पाट चिह्नित किए गए थे। टाप पांच हाट स्पाट का आंकड़ा देखा जाए तो चार स्थान ट्रांस हिंडन के हैं। इंदिरापुरम में सबसे अधिक 78 मरीज मिले थे। इसके बाद भी इंदिरापुरम 180 लीटर की एक बड़ी मशीन और छह हैंड मशीन से फागिंग की जा रही है। जबकि आबादी के अनुसार मशीनों की संख्या इससे अधिक होनी चाहिए। जिससे डेंगू का के मरीजों को सिफर किया जा सके। हालांकि लोगों की जागरूकता की वजह से इस बार पिछले वर्ष की तुलना में डेंगू और मलेरिया के मरीज कम हैं। इस सीजन जिले में डेंगू और मलेरिया के 15 मरीज मिले हैं। जबकि पिछले वर्ष सितंबर तक 500 से अधिक मरीज मिले थे। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सफाई निरीक्षक पवन कुमार ने बताया कि फागिंग करने के लिए पर्याप्त मशीनें हैं। इंदिरापुरम में पर्याप्त फागिंग हो रही है।

इस वर्ष ऐसे किया जा रहा डेंगू पर वार : स्वास्थ्य विभाग ने इस बार डेंगू मलेरिया से निपटने के लिए शहर में जोनल स्तर पर रेपिड रिस्पांस टीम गठित की हैं। प्रत्येक नगर पालिका और नगर पंचायत स्तर पर भी टीम बनाई गई हैं। टीम में स्वास्थ्य विभाग के अलावा नगरीय निकाय के कर्मचारी शामिल हैं। विभाग का पूरा फोकस हाट स्पाट पर है। जानकारों का कहना है कि डेंगू और मलेरिया के केस कम होने पीछे इस बार मौसम भी मेहरबान रहा है। रिमझिम वर्षा होने से डेंगू के मच्छर अधिक पनपते हैं।

डेंगू और मलेरिया के केस कम रहने के तीन प्रमुख कारण

- रेपिड रिस्पांस टीमों का गठन

- लोगों में बढ़ी जागरूकता

- रिमझिम की बजाय तेज वर्षा होना

60 अति संवेदनशील क्षेत्र घोषित : स्वास्थ्य विभाग ने पिछले वर्ष मिले डेंगू के केस के आधार पर जिले में 60 अति संवेदनशील क्षेत्र घोषित किए गए हैं। जिससे डेंगू पर काबू पाया जा सके। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डेंगू व मलेरिया बीमारी का सीजन अंतिम पड़ाव पर चल रहा है। डेंगू 20 अक्टूबर और मलेरिया 15 सितंबर के बाद केस आने कम हो जाते हैं।

पिछले वर्ष मिले मरीजों के आधार जिले में टाप पांच हाट स्पाट

स्थान - मरीज

- ट्रांस हिंडन का इंदिरापुरम : 78

- ट्रांस हिंडन का मकनपुर : 67

- गाजियाबाद का विजय नगर : 65

- ट्रांस हिंडन का वैशाली : 59

- ट्रांस हिंडन का कनावनी : 53

इस वर्ष की तुलना में इस बार डेंगू के केस कम हैं। जोनवार गठित की गई टीमें हाट स्पाट पर फोकस कर रही हैं। अभी तक जिले में महज 15 केस मिले हैं।

- डा. ज्ञानेंद्र कुमार मिश्रा, जिला मलेरिया अधिकारी।

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