कमरे में जाकर छिपे थे कुलपति, बाहर से लगवा दिया था ताला; रोशनदान से झांककर देखा तो कुर्सी पर बैठे मिले
प्रयागराज के नैनी स्थित सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नॉलोजी एंड साइंसेस (शुआट्स) के कुलपति आरबी लाल को गिरफ्तार कर लिया गया। पूर्व भाजपा नेता दिवाकर नाथ त्रिपाठी की एफआईआर पर उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। आरबी लाल पर 25 साल में 29 मुकदमे हुए हैं। गाली-गलौज से लेकर हत्या तक का आरोप लगा है। चार साल पहले 22 करोड़ के गबन में जेल भी भेजा गया था।
शुआट्स वीसी आरबी लाल ने शुक्रवार को भी पुलिस को चकमा देने की तैयारी कर ली थी। पुलिस के आने की भनक लगते ही वह भागकर गेस्ट हाउस के पीछे स्थित कमरे में छिप गए। यही नहीं बाहर से ताला भी लगवा दिया था। कमरे में ताला लगा देख पुलिसकर्मियों ने रोशनदान से झांककर देखा तो वह कुर्सी पर बैठे दिखाई दिए।
इसके बाद ताला तोड़कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल रविवार को शुआट्स के शिक्षकों की वीसी के साथ एक बैठक होने वाली थी। इसमें शिक्षकों के 11 माह के बकाया वेतन को लेकर बातचीत होनी थी। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को इसकी सूचना थी। ऐसे में उन्हें दबोचने के लिए टीम पहुंच गई।
बैठक शुआट्स के ठीक सामने स्थित गेस्ट हाउस में हो रही थी। पुलिस जैसे ही वहां पहुंची, वीसी को इसकी भनक लग गई। वह गेस्ट हाउस से निकलकर पीछे स्थित कमरे में पहुंच गए और इसमें बाहर से ताला लगवा दिया।
वीसी के न मिलने पर एसओजी व पुलिस टीम उन्हें खोजते हुए गेस्ट हाउस से लगे हुए कमरे के बाहर पहुंची तो दरवाजे पर ताला लगा मिला। शक होने पर एक पुलिसकर्मी ने रोशनदान से झांककर देखा तो वह भीतर बैठे दिखाई दिए। इसके बाद ताला तोड़कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
नहीं की कोई बात, भावशून्य रहा चेहरा
सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तारी के दौरान आरबी लाल ने पुलिस से कोई सवाल नहीं किया। वह चुपचाप कमरे से निकलकर गाड़ी में बैठ गए। मेडिकल के लिए सीएचसी चाका और फिर वहां से कचहरी ले जाए जाने के दौरान भी उनका चेहरा भावशून्य रहा।
6.40 पर घटना, सात घंटे में गिरफ्तारी
रविवार को हुई घटना के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाई और कुछ ही घंटों बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। वादी मुकदमा के मुताबिक, सुबह 6.40 मिनट पर यह घटना हुई। लगभग सात घंटे बाद आरोपी शुआट्स वीसी को गिरफ्तार कर लिया गया।
साजिशन फंसाया गया: शुआट्स
शुआट्स पीआरओ बृजेश पांडेय का कहना है कि कुलपति को फर्जी फंसाया गया। उन्होंने कहा कि दिवाकर नाथ ने झूठी एफआईआर दर्ज कराई है। घटना के समय कुलपति अपने निवास पर थे। इसका सीसीटीवी फुटेज भी है। दिवाकर व सर्वेंद्र विक्रम के पूर्व में दर्ज कराए मुकदमे में कुलपति की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट से रोक है। एक बार फिर कुलपति को झूठे मुकदमे में फंसाने का षडयंत्र किया गया है।