जिस छात्र को नकल में पकड़ा, उसकी बन गई पास की मार्कशीट, चार साल पहले डिग्री भी बनी
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यहां जो छात्र को नकल में पकड़ा गया उसकी पास की मार्कशीट बन गई। चार साल पहले डिग्री भी बन गई। अब सत्यापन आया तो मामले का खुलासा हुआ।
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिस छात्र को नकल करने में पकड़ा गया, उसकी पास की मार्कशीट बना दी गई। यही नहीं, चार साल पहले डिग्री भी बन गई और किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई। मामला तब उजागर हुआ, जब छात्र का सत्यापन आया।
इस प्रकरण में बीयू प्रशासन ने पड़ताल शुरू करा दी है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज से बीए की पढ़ाई करने के लिए छात्र ने वर्ष 2007 में प्रवेश लिया था। 2009 में छात्र ने स्नातक की पढ़ाई पूरी की। बताया गया कि प्रथम वर्ष में हिंदी के द्वितीय विषय की परीक्षा देते समय छात्र को नकल करते पकड़ा गया।
ऐसे में छात्र को अन फेयर मींस (यूएफएम) में बुक कर दिया गया। खास बात ये है कि छात्र की उसी वर्ष पास की मार्कशीट जारी कर दी गई। इसी मार्कशीट के आधार पर छात्र को दूसरे और फिर तीसरे साल की मार्कशीट जारी हुई। करीब चार साल पहले छात्र को द्वितीय श्रेणी से पास की डिग्री भी जारी हो गई।
अब तक किसी को कुछ भी पता नहीं था मगर मामला हाल ही में आए सत्यापन से प्रकाश में आ गया। बताया कि शिक्षा विभाग से छात्र का सत्यापन आया है। बीयू अधिकारियों ने जब मामले की पड़ताल कराई तो छात्र के नकल में आरोपित होने की बात सामने आ गई है। हालांकि, उस समय यूएफएम में बुक होने के बाद क्या कार्रवाई की गई, इसका कागज ही गायब हो गया है। बीयू अधिकारी कागज की खोजबीन करवा रहे हैं, मगर मिल ही नहीं रहा है।
जिसमें नकल में आरोपित, उस विषय में शून्य नंबर
जिस विषय में छात्र को नकल में आरोपित किया गया है, उस विषय में छात्र के शून्य नंबर हैं। ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि मार्कशीट जारी करते समय इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। द्वितीय वर्ष की अंकतालिका जारी की गई तो भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
गोपनीय विभाग से छात्र के यूएफएम में बुक होने से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई है, जो कि अभी प्राप्त नहीं हुई है। रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई होगी। - विनय कुमार सिंह, कुलसचिव, बीयू।
शिक्षा विभाग से सत्यापन आने के बाद गोपनीय विभाग से अभिलेखों की जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। - राजबहादुर, परीक्षा नियंत्रक, बीयू।