जान बचाने के लिए झोपड़ी में घुसी थीं चारों बच्चियां, मौत ने मार दिया झपट्टा; कोयले जैसे हो गए थे शव

By :  SaumyaV
Update: 2024-02-24 05:57 GMT

बरेली के फरीदपुर में शुक्रवार को दर्दनाक घटना हुई। यहां एक झोपड़ी में आग लग गई। आग की इस घटना में सगी बहनों समेत चार बच्चियां जिंदा जल गईं। तंग मकान की छत पर लुकाछिपी खेलते वक्त यह घटना हुई। मरने वाली चारों बच्चियां आपस में चचेरी और तहेरी बहनें हैं।

बरेली के फरीदपुर में घर में आग लगी तो छत पर खेल रहीं मासूम बच्चियां नीचे उतरने की बजाय उस झोपड़ी में घुस गईं जिसमें भूसा भरा था। आग फैली तो आसपास रखा पुआल भी झोपड़ी की ओर गिर गया। लपटों के बीच घिरने के बाद उनको बचाव का कोई रास्ता नहीं सूझा। आखिरकार, चारों मासूमों की जान चली गई।

अनुसूचित जाति के रामदास का पूरा परिवार मजदूरी करता है। 70 वर्गगज के मकान में रामदास व उनके चार बेटे अपने परिवार सहित गुजारा कर रहे थे। छत के ऊपर मिट्टी की दीवार खड़ी कर उसके ऊपर झोपड़ी डाली और उसमें भूसा भर दिया था। पास में ही पुआल की गैरिया लगा दी थी।

वहीं, पास में अमिताभ ने मिट्टी की छोटी दीवार बनाकर एक झोपड़ी डाल दी। इसमें वह परिवार सहित रहता था। उसी में उसकी पत्नी खाना भी बनाती थी। शुक्रवार को घर के सभी पुरुष मजदूरी करने चले गए थे। दोपहर में अमिताभ की पत्नी उपले पाथने चली गईं। परिवार के कुछ लोग गांव में चल रहे भंडारे में चले गए थे। छत पर चारों बच्चियां खेल रही थीं। तभी यह हादसा हो गया।

जलती झोपड़ी की ओर भागीं महिलाएं

बच्चियों की चीखें सुनकर पड़ोसी रामदास के घर की ओर दौड़े। बच्चों की मांओं ने चीखें सुनीं तो वे भी दौड़कर घर पर पहुंचीं। बच्चियों को लपटों से घिरा देख उनका कलेजा धक से रह गया। वे जलती झोपड़ी की ओर जाने लगीं तो पड़ोस की महिलाओं ने उन्हें पकड़ लिया।

कोयले जैसे हो गए थे शव

पड़ोसियों के अथक प्रयास से जब तक आग बुझी, तब तक सब कुछ राख हो चुका था। इसी दौरान दमकल व पुलिस टीम भी आ गई। टीम ने देखा कि तीन बेटियों के शव कोयले जैसे हो चुके थे, जबकि नीतू की सांसें चल रही थीं। जिला अस्पताल में कुछ घंटे इलाज के बाद नीतू की भी मौत हो गई।

मिलेगा 16 लाख मुआवजा

घटना की सूचना मिलते ही डीएम रविंद्र कुमार, एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान सहित अन्य अफसर भी मौके पर पहुंच गए। डीएम ने कहा कि प्रति मृतक चार लाख रुपये की दर से परिवार को कुल 16 लाख रुपये का मुआवजा शासन की ओर से जल्दी प्रदान किया जाएगा।

चूल्हे से लगी होगी आग : सीएफओ

सीएफओ चंद्रमोहन शर्मा ने भी मौके पर पहुंचकर पड़ताल की। बताया कि घटना के वक्त घर में चारों बच्चियां ही मौजूद थीं, जिनकी मौत हो चुकी है। ऐसे में आग लगने के कारणों का अनुमान लगाना मुश्किल है। हालांकि, छत पर भी चूल्हा रखा था जिस पर पहले खाना बना था। हो सकता है कि चिंगारी चूल्हे से ही उठी हो। विस्तृत जांच की जा रही है।

झोपड़ी में आग, सगी बहनों सहित चार बच्चियां जिंदा जलीं

बरेली के फरीदपुर थाना इलाके के गांव नवादा बिलसंडी में शुक्रवार दोपहर झोंपड़ी में आग लगने से चार बच्चियां जिंदा जल गईं। गांव में रामदास का 60 वर्गगज का मकान है। उन्होंने छत पर झोपड़ी डाल रखी है। इसमें रामदास, उनके तीन बेटे अर्जुन, अमिताभ व भीम के परिवार संयुक्त रूप से रहते हैं। छत पर एक हिस्से में पुआल रखा था।

दोपहर के वक्त किसी तरह पुआल में आग लग गई। उस वक्त परिवार के लोग बाहर गए थे। छत पर तीनों भाइयों की चार बच्चियां लुकाछिपी खेल रही थीं। आग से बचने के लिए चारों बच्चियां झोपड़ी में छिप गईं। जलते पुआल ने झोपड़ी को भी चपेट में ले लिया। चारों मासूम लपटों से घिर गईं।

उनकी चीख सुनकर और लपटें देखकर परिजन और पड़ोसी दौड़े। उन्होंने किसी तरह आग बुझाई, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। प्रियांशी पुत्री भीम (5), मानवी पुत्री अमिताभ (3), नैना पुत्री अर्जुन (5) की जिंदा जलकर मौत हो गई। नीतू पुत्री अमिताभ (6) को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान शाम को उसने भी दम तोड़ दिया। डीएम और एसएसपी भी मौके पर पहुंचे। परिजनों को सांत्वना देते हुए हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।

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